नई दिल्ली (मा.स.स.). केंद्रीय इस्पात और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा है कि भारतीय इस्पात अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी मिशन (एसआरटीएमआई) एक उद्योग संचालित पहल है, जो औद्योगिक, राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं तथा शैक्षणिक संस्थानों के बीच सहयोगी अनुसंधान करने के लिए 1860 के सोसायटी पंजीकरण अधिनियम XXI के तहत पंजीकृत है।
कुलस्ते ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल), राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आरआईएनएल), टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, जेएसपीएल, एनएमडीसी और मेकॉन एसआरटीएमआई गवर्निंग बोर्ड के सदस्य हैं। गवर्निंग बोर्ड की अध्यक्षता उद्योग के सदस्यों में से किसी एक के द्वारा रोटेशनल आधार पर की जाती है। इस्पात मंत्रालय के संयुक्त सचिव भी भारतीय इस्पात अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी मिशन के गवर्निंग बोर्ड के सदस्य हैं। सभी आवश्यक निर्णय गवर्निंग बोर्ड द्वारा ही लिए जाते हैं। अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं पर गवर्निंग बोर्ड द्वारा चर्चा और अनुमोदन किया जाता है।
एसआरटीएमआई एक पंजीकृत संस्थान है। यह सरकार की स्वायत्त संस्था नहीं है। इसलिए, सरकार न तो इसकी अनुसंधान परियोजनाओं, न ही उनके प्रभावों, मानव संसाधन परिनियोजन, या किसी अन्य उपाय का आकलन नहीं करती है।