लखनऊ (मा.स.स.). पैगंबर मुहम्मद पर पूर्व भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के बयान के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन की शुरूआत कानपुर से पिछले शुक्रवार को हुई थी. इस मामले में मुख्य आरोपी सहित कई लोग गिरफ्तार हो चुके हैं और जांच जारी है. अब आरोपियों की संपत्ति पर बुलडोजर की कार्रवाई भी शुरू हो गई है.
कानपुर हिंसा के समय से एक सवाल सभी के मन में था कि नूपुर के बयान के 8वें दिन ही हिंसक प्रदर्शन क्यों हुआ? पहले क्यों नहीं. एक तर्क यह दिया गया कि उस दिन राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री शहर के पास ही थे. किन्तु अब इस मामले में नया खुलासा भी हुआ है. ऐसा दावा किया जा रहा है कि एक संप्रदाय विशेष के लोगों ने पुराने मंदिरों व शत्रु संपत्ति पर कब्ज़ा कर रखा है. हाल ही में जब इस बारे में जानकारी सामने आने लगी तो इस कब्जे में शामिल बिल्डर डर गए और इन लोगों ने मौके का फायदा उठाते हुए हिंसक प्रदर्शन करवाया.
शक के दायरे में आये इन्हीं बिल्डरों में से एक मोहम्मद इश्तियाक के अवैध निर्माण को केडीए ने ध्वस्त कर दिया. इश्तियाक हिंसा के मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी का करीबी बताया जा रहा है. यह कार्रवाई जरुर अवैध निर्माण गिराने के नाम पर हुई है, लेकिन इसके पीछे का कारण कानपुर हिंसा से जुड़े तार ही माने जा रहे हैं.