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सीएक्यूएम ने सभी संबंधित पक्षों से वैधानिक निर्देशों का कड़ाई से पालन करने का आग्रह किया

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नई दिल्ली (मा.स.स.). आने वाले दिनों में दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई की तैयारी के क्रम में  अपनी कार्रवाइयों को तेज करते हुए, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और निकटवर्ती क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने उद्योग जगत और निर्माण एवं विध्वंस (सी एंड डी) से संबंधित परियोजनाओं के संचालकों समेत सभी संबंधित पक्षों से यह आग्रह किया है कि वे आयोग द्वारा जारी वैधानिक निर्देशों का कड़ाई से पालन करें।

नागरिकों को यह भी सलाह दी गई है कि वे आने वाले दिनों में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्राप) के प्रत्येक चरण में सिटीजन चार्टर में उल्लिखित कदमों का सख्ती से पालन करें। आयोग द्वारा गठित 40 निरीक्षण दल/उड़न दस्तों को दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए आयोग द्वारा जारी किए गए वैधानिक निर्देशों के प्रवर्तन तथा अनुपालन का सक्रिय रूप से निरीक्षण, पर्यवेक्षण और सख्ती से निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं। ये उड़न दस्ते औद्योगिक इकाइयों, सीएंडडी साइटों, वाणिज्यिक/आवासीय इकाइयों, वायु प्रदूषण हॉटस्पॉट आदि का औचक निरीक्षण करेंगे और फील्ड स्तर पर गोपनीय जांच करेंगे। ये उड़न दस्ते उल्लंघन करने वालों का पता लगाने और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए आयोग को विस्तृत विवरण देने हेतु दिल्ली-एनसीआर के सभी हिस्सों को व्यापक रूप से कवर करेंगे।

दिनांक 14 अक्टूबर 2022 तक, सीएक्यूएम के उड़न दस्तों द्वारा 8,580 से अधिक स्थलों का निरीक्षण किया गया और आयोग के वैधानिक निर्देशों की अवहेलना करने वाले कुल 491 प्रतिष्ठानों को बंद करने के निर्देश जारी किए गए, जिनमें दिल्ली के 110, हरियाणा (एनसीआर) के 118; उत्तर प्रदेश (एनसीआर) के 211; और राजस्थान (एनसीआर) के 52 प्रतिष्ठान शामिल हैं। सीएक्यूएम अपने वैधानिक निर्देशों एवं आदेशों को सख्ती से लागू कराने की दिशा में हरसंभव प्रयास करेगा। आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के उल्लंघन और अनुपालन की अनदेखी को वायु प्रदूषण नियंत्रण नियमों/विनियमों को बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है। घोर उल्लंघन के मामले में आयोग न केवल बंद करने के आदेश पारित करेगा बल्कि पर्यावरण मुआवजा (ईसी) भी लगाएगा और मुकदमा शुरू करेगा।

सीएक्यूएम ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एसपीसीबी) और डीपीसीसी सहित विभिन्न राज्यों की कार्यान्वयन एजेंसियों को आयोग द्वारा जारी निर्देशों का अनुपालन और सख्त कार्यान्वयन सुनिश्चित करने की सलाह दी है।

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