सोमवार, नवंबर 18 2024 | 02:06:07 AM
Breaking News
Home / अंतर्राष्ट्रीय / क्या भारत जनसंख्या में सचमुच चीन को पछाड़ देगा ?

क्या भारत जनसंख्या में सचमुच चीन को पछाड़ देगा ?

Follow us on:

– अश्विनी कुमार मिश्र

संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट के अनुसार 15 नवंबर विश्व की जनसंख्या  800 करोड़ तक पहुँच गई है.  इस आबादी विस्तार में  चीन और भारत  का सबसे बड़ा हिस्सा हैं। दिलचस्प बात यह है कि इसी रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र ने भी भविष्यवाणी की है कि भारत चीन को पीछे छोड़ देगा और जनसंख्या के मामले में दुनिया में पहले स्थान पर आ जाएगा। इस पृष्ठभूमि में संयुक्त राष्ट्र की यह रिपोर्ट क्या है? इसमें व्यक्त की गई भविष्यवाणियां वास्तव में क्या हैं? जनसंख्या के मामले में चीन को पछाड़ कर कब नंबर वन बनेगा भारत? और जनसंख्या के बारे में माल्थस का सिद्धांत क्या है?  संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट के अनुसार 15 नवंबर विश्व की आबाद 800 करोड़ तक पहुँच गई है. इसमें चीन और भारत का योगदान बड़ा है. यह भी अनुमान है कि विश्व की जनसंख्या 2030 तक 850 करोड़, 2050 तक 970 करोड़ और 2100 तक 1040 करोड़ हो जाएगी। 2080 में दुनिया की आबादी चरम पर होगी। 2100 के बाद जनसंख्या घटने लगेगी।

संयुक्त राष्ट्र संघ की इस रिपोर्ट में अलग-अलग भविष्यवाणी की गई हैं । इसने यह भी भविष्यवाणी की गई है कि साल 2023 में चीन को पछाड़कर मौजूदा दर से आबादी में भारत नंबर वन देश बन जाएगा।2050 तक विश्व की सर्वाधिक जनसंख्या वृद्धि केवल आठ देशों में होगी। इसमें कांगो, मिस्र, इथियोपिया, भारत, नाइजीरिया, पाकिस्तान, फिलीपींस और तंजानिया शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र की वार्षिक विश्व जनसंख्या संभावना रिपोर्ट सोमवार (14 नवंबर) को विश्व जनसंख्या दिवस पर प्रकाशित हुई थी। इसमें ये सभी भविष्यवाणियां की गई हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वर्तमान जनसंख्या वृद्धि दर 1950 के बाद से सबसे कम है। 2020 में जनसंख्या वृद्धि दर 1 प्रतिशत से भी कम थी। दुनिया की आबादी को 700 करोड़ से 800 करोड़ होने में कुल 12 साल लगे। अब इस आबादी को 800 से बढ़ाकर 900 करोड़ करने में 15 साल लगेंगे। यानी साल 2037 में 900 करोड़ आबादी पहुंच जाएगी। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके कारण विश्व की जनसंख्या वृद्धि दर धीमी हो गई है।

ब्रिटिश अर्थशास्त्री थॉमस रॉबर्ट माल्थस ने जनसंख्या वृद्धि पर एक सिद्धांत प्रतिपादित किया। उसका नाम माल्थस थ्योरी है। माल्थस के सिद्धांत के अनुसार जनसंख्या प्रत्येक 25 वर्ष में दोगुनी  हो जाती है। जबकि संसाधन सामान्य दर से बढ़ते हैं तो जनसंख्या वृद्धि दर दोगुनी हो जाती है। उदा. यदि जनसंख्या 2 से 4 और 4 से 8 हो जाती है, संसाधन 2 से 3 और 3 से 4 हो जाता है।

जनसंख्या वृद्धि के प्रभाव
माल्थस के सिद्धांत के अनुसार यदि जनसंख्या तेजी से बढ़ती है तो संसाधन कम होने लगते हैं। इससे भोजन और प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव पड़ता है। माल्थस का कहना है कि ऐसी स्थिति में जनसंख्या नियंत्रण के लिए स्वतः ही प्राकृतिक घटनाएं घटित होती हैं। उदा. जनसंख्या को सूखा, महामारी, युद्ध और प्राकृतिक आपदाओं जैसी घटनाओं द्वारा नियंत्रित किया जाता है। हालाँकि, माल्थस के सिद्धांत की कई बार आलोचना की गई है।

जनसंख्या वृद्धि के पीछे कारण
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, उपचार और प्रौद्योगिकी में प्रगति सार्वजनिक स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता और चिकित्सा को अधिक सुलभ बना रही है। इसके कारण महामारी की दर में कमी आई है। महामारी हो भी जाए तो मरने वालों की संख्या पहले से कम है, क्योंकि इलाज उपलब्ध है। स्वास्थ्य सुविधाओं के कारण जीवन प्रत्याशा बढ़ी है। इससे मृत्यु दर में कमी आई है और जनसंख्या में वृद्धि हुई है।

“पटाया-थाईलैंड में चल रहे अंतरराष्ट्रीय परिवार नियोजन सम्मेलन में बोलते हुए, संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. नतालिया कानेम ने यह जानकारी दीकि जनसंख्याँ की रफ़्तार कई कारणों से तेज है. और 15 नवंबर जनसंख्याँ के लिहाज से विश्व के लिए ऐतिहासिक दिन होगाजब विश्व की आबादी 800 करोड़ हो गयी.   उन्होंने कहा कि ‘आठ’ अंक सांकेतिक है। यदि इसे क्षैतिज रूप से घुमाया जाए तो अनंत की तस्वीर बनती है। इस संख्या को पार कर रही दुनिया में महिलाओं और लड़कियों के लिए विकास की अनंत संभावनाएं पैदा की जानी चाहिए।”

 

लेखक निर्भय पथिक के संपादक व राजनीतिक विश्लेषक हैं.

नोट : लेखक द्वारा व्यक्त विचारों से मातृभूमि समाचार का सहमत होना आवश्यक नहीं है

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने कश्मीर पर चर्चा के लिए भारत विरोधियों को दिया आमंत्रण

वाशिंगटन. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में कश्मीर पर होने वाली एक डिबेट को लेकर ब्रिटेन में रहने वाले …