– प्रहलाद सबनानी
भारतीय अर्थव्यवस्था के कोरोना महामारी के बाद तेजी से पटरी पर लौटने के साथ ही देश में बेरोजगारी की दर में भी कमी आने लगी है। देश में रोजगार के अधिक से अधिक नए अवसर उत्पन्न कराने की दृष्टि से केंद्र सरकार द्वारा लगातार कई नवोन्मेष उपाय किए जा रहे हैं, जिसमें शीघ्र ही केंद्र सरकार द्वारा लागू की जा रही अग्निपथ योजना भी शामिल है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनामी (सीएमआईई) द्वारा मासिक अंतराल पर जारी किए जाने वाले रोजगार सम्बंधी आंकड़ों के अनुसार, भारत में बेरोजगारी की दर फरवरी 2022 माह में 8.10 प्रतिशत थी, जो मार्च 2022 माह में घटकर 7.6 प्रतिशत रह गई एवं 2 अप्रैल 2022 को यह अनुपात और घटकर 7.5 प्रतिशत रह गया। केंद्र सरकार ने भारत में बेरोजगारी की समस्या को हल करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार के समस्त विभागों को निर्देश जारी किए हैं कि अगले डेढ़ वर्ष के दौरान मिशन मोड में कार्य करते हुए उनके द्वारा 10 लाख खाली पदों को भरा जाए। यह अब तक का सबसे बड़ा महाअभियान होगा क्योंकि पिछले कई दशकों से सरकार में इतने बड़े पैमाने पर भर्तियां नहीं हुई हैं। इस महाअभियान में एससी, एसटी और पिछड़े वर्गो के लिए आरक्षित खाली पड़े पद भी भर दिए जायेंगे। इस महाअभियान के अंतर्गत रेलवे भी अगले एक साल में लगभग 1.50 लाख युवाओं की भर्ती करेगा।
भारत में उद्योगपतियों एवं रोजगार प्रदान करने वाले विभिन्न संस्थानों द्वारा लगातार यह शिकायत की जाती रही है कि देश में बेरोजगार युवाओं के पास कौशल का नितांत अभाव दिखाई देता है। अतः भारत के बेरोजगार युवाओं में कौशल का विकास करना अति आवश्यक है ताकि उनकी उत्पादकता बढ़ाकर उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में आसानी से रोजगार उपलब्ध कराया जा सके। विशेष रूप से तीन उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु, (i) रोजगार के नए अवसर निर्मित करने हेतु; (ii) युवाओं में कौशल विकसित करने हेतु एवं (iii) देशभक्ति का भाव जगाने हेतु, केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना को देश में शीघ्र ही लागू करने का निर्णय लिया है। उक्त योजना को विश्व के कई शक्तिशाली देश, यथा इजराईल, फ्रान्स, अमेरिका, रूस, चीन, आदि पूर्व में ही लागू कर चुके हैं। हालांकि भारत में शीघ्र ही लागू की जाने वाली अग्निपथ योजना में, अन्य देशों में पूर्व में लागू की जा चुकी इसी प्रकार की योजना में, युवाओं के हित में बहुत महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं।
यह भारतीय युवाओं का सौभाग्य ही होगा कि वे अग्निपथ योजना में अपने आप को शामिल कर अपने कौशल विकास को, भारतीय सेना के जाबांज सदस्य के रूप में, विकसित करने का सुअवसर प्राप्त कर सकेंगे। यह सर्वविदित ही है कि भारतीय सेना में अनुशासन, कड़ी मेहनत, सैन्य कौशल, शारीरिक फिटनेस, नेतृत्व गुण, साहस, देशभक्ति को अत्यधिक महत्व दिया जाता है। भारतीय युवाओं में, यदि उनके जीवन के शुरुआती दौर में ही, उक्त विशेषताओं का संचार किया जाता है तो उनका जीवन सफल होने में कोई संदेह ही नहीं रह जाता है। इन जांबाज सिपाहियों को मां भारती के श्रीचरणों में अपनी सेवा करने का सीधा सीधा मौका भी तो प्राप्त होगा। इजराइल में तो देश के सभी नागरिकों के लिए चार वर्ष की सेना की सेवा अनिवार्य है और इसके बिना कोई भी नागरिक वहां स्नातक नहीं कहलाता है। आज इजराइल दुनिया का सबसे अधिक आत्मनिर्भर देश है और जिस पर चारों ओर से आक्रमण होते रहने के बावजूद वह एक सुरक्षित राष्ट्र है। भारत भी आज जिस प्रकार की, सुरक्षा सम्बंधी, आंतरिक एवं बाहरी चुनौतियों को झेल रहा है, उसे देखते हुए हमें भी इजराईल की तरह समाज में राष्ट्र के लिए अधिक से अधिक अनुशासित युवाओं की आवश्यकता है।
सुरक्षा की दृष्टि से भारत सरकार ने रक्षा मंत्रालय के अधीन भारत की तीनों सेनाओ में युवाओ की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना बनाई है। भारत में जो युवा, सेना का एक अहम अंग बनकर, मां भारती की सेवा करना चाहते हैं, वे अग्निपथ योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना में भर्ती होने वाले सैनिको को अग्निवीर के नाम से जाना जाएगा। अग्निपथ योजना के अंतर्गत देश के युवा अधिकतम 4 वर्ष तक अग्निवीर बनकर देश सेवा कर सकेंगे। अग्निपथ योजना के अंतर्गत अग्निवीर के रूप में देश सेवा करने के लिए अग्निवीरों को उचित सेवा निधि भी प्रदान की जाएगी। अग्निवीर बनने के लिए 17.5 वर्ष से 21 वर्ष (केवल इस वर्ष के लिए इसे बढ़ाकर 23 वर्ष किया जा रहा है) की आयु सीमा तय की गयी है एवं कम से कम 10वीं कक्षा उत्तीर्ण होना जरूरी होगा। 4 वर्ष की सेवा के पश्चात निष्पादन के आधार पर 25% अग्निवीरों को सेना की स्थायी सेवा में शामिल कर लिया जाएगा। शेष बचे 75% अग्निवीर जो सेना की सेवा से रिटायर होंगे, उन्हें केंद्रीय अर्धसैनिक बलों एवं अन्य केंद्रीय और कई राज्य सरकारों जैसे, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और असम राज्यों के विभिन्न विभागों एवं स्थानीय पोलिस सेवा में भर्ती में अहर्ताओं में छूट के साथ प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही निजी क्षेत्र के कई संस्थान भी इन अग्निवीरों को प्राथमिकता के आधार पर नौकरी प्रदान करेंगे।
उक्त सुविधाओं के अतिरिक्त अग्निवीरों को सेवा निधि भी प्रदान की जाएगी। अग्निवीरों को 4 साल के सेवाकाल में लगभग 33 लाख रुपए से अधिक की राशि का पैकेज मिलेगा। इसमें से लगभग 22 लाख रुपए 48 माह तक मासिक वेतन के रूप में मिलेंगे तथा 11.76 लाख रुपए 4 वर्ष की सेवा समाप्ति के बाद एक मुश्त राशि के रूप में मिल सकेंगे। पहले वर्ष में सेवा निधि के रूप में 4.76 लाख रुपए का पेकेज चौथे वर्ष में बढ़कर 6.92 लाख रुपए का हो जाएगा। इसके अंतर्गत सभी प्रकार के भत्ते भी शामिल होंगे। अग्निवीर अपनी मासिक आय का 30 प्रतिशत भाग तक भविष्य निधि के रूप में जमा कर सकेंगे और जितनी राशि अग्निवीर द्वारा जमा की जाएगी उतनी ही राशि केंद्र सरकार द्वारा भी जमा की जाएगी। जब अग्निवीर अपनी 4 वर्ष की सेवा पूर्ण कर सेवानिवृत्त होगा तब उसे सेवा निधि के रूप में जमा की गयी राशि ब्याज सहित लगभग 11.76 लाख रुपए अदा की जाएगी। अग्निपथ योजना के अंतर्गत अगर सेवाकाल के दौरान कोई जवान शहीद होता है तो उसके परिवार को एक करोड़ रूपये अदा किए जायेंगे। सेवाकाल के दौरान अगर जवान दिव्यांग हो जाता है तो 100 प्रतिशत दिव्यांगता पर 44 लाख रुपए, 75 प्रतिशत दिव्यंगता पर 25 लाख रुपए एवं 50 प्रतिशत दिव्यांगता पर 15 लाख रूपये उस जवान को अदा किए जाएंगे। इस प्रकार अग्निपथ योजना को बहुत आकर्षक बनाने का प्रयास किया गया है एवं यह योजना भारत के लिए एक गेमचेंजर साबित होगी। उक्त सुविधाओं की सत्यता को रक्षा विभाग के वेबसाइट पर जाकर चैक जरूर कर लें।
हालांकि भारतीय सेना के तीनों अंगो (जल, थल एवं वायु) में अन्य भर्तियां पहिले की तरह ही जारी रहेंगी। परंतु फिर भी, भारत सरकार द्वारा रक्षा क्षेत्र में अग्निपथ योजना को एक महत्वाकांक्षी योजना के रूप में लाया गया है। इस योजना को लागू करने के बाद भारतीय सेना की औसत आयु मे गिरावट आयेगी और युवा सेना का आधुनिकीकरण तेजी से किया जा सकेगा। इस प्रकार भारतीय सेना और भी मजबूत हो सकेगी। सेना में सैनिको की संख्या में भी विस्तार होगा और देश की युवा पीढ़ी में देश के प्रति समर्पण भाव भी बढ़ेगा। अग्निपथ योजना केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की दशा और दिशा दोनों को बदल देगी और भारत को विश्व में एक मजबूत राष्ट्र के रूप में स्थापित करने का काम करेगी।अग्निपथ योजना का सबसे बड़ा लाभ तो मां भारती को होने वाला है। इस योजना के अंतर्गत देश के युवाओ को भारतीय सेना से जोड़ने की प्रक्रिया प्रारम्भ होगी और प्रति वर्ष लगभग 40-45 हजार युवाओं को भारतीय सेना में भर्ती किया जाएगा। आगे आने वाले 10 वर्षों में भारतीय सेना के पास लगभग 30 प्रतिशत का कुशल स्त्रोत उपलब्ध रहेगा जो सेना से प्रशिक्षित होगा। निश्चित ही उस समय पर यह कुशल स्त्रोत कोई और व्यवसाय कर रहा होगा परंतु इतना बड़ा कुशल स्त्रोत, जो सेना से प्रशिक्षण प्राप्त किया हुआ होगा, समाज और देश की सेवा के लिए एक बेशकीमती हीरे के रूप में सदैव ही उपलब्ध रहेगा।
भारत ने हाल ही के समय में जिस प्रकार की प्रगति विभिन्न क्षेत्रों में की है इससे वैश्विक स्तर पर भारत की साख बहुत तेजी से बढ़ी है और हमारे पड़ौस के कुछ देश एवं कुछ विकसित देश भारत से ईर्ष्या करते दिखाई दे रहे हैं। भारत सरकार द्वारा लगातार लागू की जा रही विभिन्न नवोन्मेष योजनाओं को असफल करने के प्रयास इन देशों द्वारा किए जा रहे हैं। हम समस्त भारतीयों, विशेष रूप से युवाओं को, इन देशों के नापाक इरादों को भांपकर ही भारत सरकार की योजनाओं को समझना चाहिए एवं इन्हें सफल बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए। इस प्रकार की योजनाएं यदि सफल रहती हैं तो भारत सशक्त होकर शीघ्र ही विश्व गुरु के रूप में पुनः अपने आप को पूरे विश्व में स्थापित कर सकेगा। उक्त परिस्थितियों को देखते हुए देश की सज्जन शक्ति, प्रबुद्ध वर्ग, राष्ट्रभक्त नागरिकों को आगे आकर, अपने कर्तव्य एवं धर्म का पालन करते हुए, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुछ देशों द्वारा भारत के विरुद्ध किए जा रहे षड्यंत्रो को निष्फल करना अब एक जरूरत बन गया है।
लेखक वरिष्ठ समाजसेवी हैं.
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