व्यापार डेस्क (मा.स.स.). विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठान-सीपीएसई, रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्पोरेशन-आरईसी लिमिटेड और ऊर्जा वित्त निगम लिमिटेड (पीएफसी) ने कोयला आधारित बक्सर तापीय ऊर्जा संयंत्र (बीटीपीपी) में 660 मेगावॉट की दो इकाइयों के वित्तपोषण के लिए सतलज जल विद्युत निगम-एसजेवीएन थर्मल प्राइवेट लिमिटेड (एसटीपीएल) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौता ज्ञापन पर पीएफसी के मुख्य प्रबंध निदेशक आर एस ढिल्लों, सतलज जल विद्युत निगम के मुख्य प्रबंध निदेशक एन एल शर्मा, रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्पोरेशन के निदेशक (वित्त) अजय चौधरी और इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्पोरेशन के निदेशक (तकनीकी) वी के सिंह तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के बारे में बातचीत करते हुए आरईसी के मुख्य प्रबंध निदेशक विवेक कुमार देवांगन ने कहा कि यह बिजली और ऊर्जा क्षेत्र के विकास के लिए एक बडी साझेदारी है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा समझौता है जो आने वाले वर्षों के लिए सभी हितधारकों को पारस्परिक रूप से लाभ प्रदान करेगा। सतलज जल विद्युत निगम थर्मल प्राइवेट लिमिटेड, एसजेवीएन लिमिटेड (विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का मिनी रत्न प्रतिष्ठान) की 100 प्रतिशत पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। एसटीपीएल वर्तमान में कोयला आधारित बक्सर थर्मल पावर प्लांट (बीटीपीपी) में 660 मेगावाट की दो इकाइयों को क्रियान्वित कर रहा है, जो भारत के पूर्वी विद्युत क्षेत्र की विश्वसनीयता में सुधार लाने और बिहार राज्य को बिजली प्रदान करने के उद्देश्य से अत्यंत महत्वपूर्ण तकनीक पर तैयार की गई एक ग्रीन फील्ड परियोजना है। परियोजना का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया था।
परियोजना पर आने वाली कुल अनुमानित लागत 12,172.74 करोड़ रुपये है, जिसमें 8520.92 करोड़ रुपये की ऋण की आवश्यकता है। समझौता ज्ञापन के अनुसार, ऋण के लिए आवश्यक धन की आपूर्ति आरईसी और पीएफसी द्वारा वित्तपोषित की जाएगी।
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