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उ.प्र. बजट 2022-23: विकास की सम्भावनाएं एवं चुनोतियाँ विषय पर आयोजित हुई राष्ट्रीय संगोष्ठी

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लखनऊ  (मा.स.स.). इंडियन इकनोमिक एसोसियेशन (IEA) और हरिश्चंद्र पीजी कॉलेज अर्थशास्त्र विभाग वाराणसी के संयुक्त तत्वाधान में वर्चुल मोड में संगोष्ठी का आयोजन ‘’उत्तरप्रदेश बजट 2022-23 : विकास की सम्भावनाओं एवं चुनोतियों’’ पर किया गया| संगोष्ठी का आरम्भ सरस्वती वन्दना करते हुए हरिश्चंद्र पीजी कॉलेज वाराणसी के अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष एवं कार्यक्रम के संयोजक प्रोफ़ेसर जगदीश सिंह ने सभी सम्मिलित अर्थशास्त्रियों तथा वक्ताओं का स्वागत करते हुए किया| प्रोफ़ेसर इंदु वार्ष्णेय प्राचार्य एसआरडीए गर्ल्स कॉलेज हाथरस एवं इंडियन इकनोमिक एसोसियेशन (IEA ) की कोषाध्यक्ष ने संगोष्ठी का संचालन करते हए कहा की उत्तरप्रदेश का 6,15,518 करोड़ का विशाल बजट प्रदेश के लिए अपार संभावनाओ वाला बजट है, साथ ही यह बताया कि उत्तर प्रदेश पहला ऐसा राज्य है जहां पांच एक्सप्रेसवे और पांच अंतराष्ट्रीय हवाईअड्डे होंगें जो विकास में तीव्र गति लायेंगे |

संगोष्ठी के मुख्य अतिथि इंडियन इकनोमिक एसोसियेशन(IEA) के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर घनश्याम सिंह ने कहा की उत्तरप्रदेश सरकार कोरोना संकट से उबरते हुए एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य निर्धारित कर विकास पथ पर अग्रसरित है, जिसका प्रचार हमें तकनीकी माध्यम से कर अधिकाधिक लोगों की पहुँच तक संभव बनाना है| संगोष्ठी के विशिष्ट अतिथि इंडियन इकनोमिक एसोशियेशन (IEA) के अध्यक्ष एवं पूर्व कुलपति प्रोफ़ेसर अद्द्या प्रसाद पाण्डेय ने बजट में विभिन्न क्षेत्रों में प्रस्तावित योजनाओं की जानकारी विस्तार पूर्वक दी, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग, सुरक्षा ग्रामीण विकास, अमृत सरोवर और कौशल विकास क्षेत्रों में विकास की अपार संभावनों को उजागर करते हुए बजट को बहुमुखी विकास वाला बताया |

मुख्य वक्ता इलाहाबाद विश्व विद्यालय के प्रोफ़ेसर मनमोहन कृष्ण ने उत्तरप्रदेश 202 2-23 बजट की सम्भावनाओं पर सरकार की सराहना के साथ–साथ इसकी चुनौतियों की तरफ ध्यान आकर्षित करते हुए कहा की विशाल बजट होते हुए भी जनसंख्या की दृष्टि से तथा अन्य राज्यों की प्रतिभागिता की तुलना में सभी व्यक्तियों तक इसका लाभ पहुँच पायेगा ये एक बढ़ा प्रश्न है | अभी भी राज्य की लगभग 30% जनसंख्या गरीबी से जूझ रही है उसे निजी निवेश के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता, क्योंकि निजी निवेश लाभ पर आधारित होता है | श्रम के पलायन को रोकने के लिए श्रम प्रधान तकनीक पर कार्य करना होगा, वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) योजना को बढ़ावा देना होगा, जिससे राज्य में उत्पादन और रोजगार में वृद्दि हो सके | यह राज्य के राजस्व और राज्य की प्रति व्यक्ति आय को बढ़ाने में मददगार साबित होगा |

प्रोफ़ेसर सुधीर शर्मा ने कहा कि उत्तरप्रदेश के बजट में नया सवेरा कार्यक्रम, ऑपरेशन विद्यालय कायाकल्प, उद्दमशीलता और नवाचार को बढावा, सोलर पंप की स्थापना और जैविक खेती आदि योजनायें राज्य के विकास को संतुलित करेंगी| अन्य मुख्य वक्ता में प्रोफ़ेसर मधुरिमा लाल व्यवहारिक अर्थशास्त्र विभाग एवं कन्वीनर मिशन शक्ति लखनऊ विश्व विद्यालय ने इसे पहला पेपर लेस बजट बताया| जिसमें सिंचाई, खाद, मेडिकल कॉलेज और महिला सुरक्षा जैसे विषयों को विस्तार पूर्वक समझाया | डॉ अनुपमा श्रीवास्तव विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र विभाग, इसाबेला थोबर्न कॉलेज लखनऊ ने सरकार की विभिन्न योजनाओं पर अपने विचार विस्तार पूर्वक व्यक्त किये |

डॉ उधम सिंह अर्थशास्त्र विभाग, शेख मुइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्व विद्यालय लखनऊ ने शिशु मृत्यु दर कम करना, मेट्रो का विकास, किसान सम्मान निधि, बाबू जी कल्याण सिंह स्ट्रीट लाइट, वृक्षारोपण और केंद्र के साथ सामंजस्य से समग्र विकास की सम्भावनाओं पर प्रकाश डाला | प्रोफ़ेसर राम प्रकाश प्राचार्य जनता पी जी कॉलेज, रानीपुर मऊ ने उत्तर प्रदेश सरकार की सतत और समग्र विकास की नीति को राज्य के विकास का आधार बताया | पूर्व आईएएस अधिकारी डॉ आर के भटनागर ने सरकार के बजट की अच्छाई और कमियों दोनों के बारें में जानकारी दी| डॉ. राजीव कुमार विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र विभाग महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ वाराणसी ने सरकार की आधारभूत संरचना को महत्वपूर्ण बताया| विमल कुमार जैन प्रबन्धक हरिश्चंद्र पीजी कॉलेज वाराणसी ने उत्तर प्रदेश बजट में सोलर उर्जा और जैविक खेती को बढ़ावा देने की सराहना की |

डॉ ए के तोमर पूर्व प्राचार्य डी एस कॉलेज अलीगढ एवं इंडियन इकनोमिक एसोसियेशन (IEA) के चीफ कांफ्रेंस कोर्डिनेटर ने संगोष्ठी में प्रतिभागित सभी अर्थशास्त्रियों तथा वक्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए उत्तरप्रदेश बजट 2022–23 की प्रस्तावित योजनाओं के प्रचार और जागरूकता बल दिया जिससे कि अधिकाधिक लोगों तक इसका लाभ पहुँच सके | डॉ डी के अस्थाना जनरल सेक्रेटरी इंडियन इकनोमिक एसोसियेशन(IEA ) ने संगोष्ठी में सम्मिलित सभी अतिथि अर्थशास्त्रियों तथा वक्ताओं का धन्यवाद देते हुए कहा कि ‘’उत्तरप्रदेश बजट 2022–23: विकास की संभावनाओं और चुनौतियों’’ विषय पर आये विचारों से सरकार को अवगत कराया जायेगा, जोकि इस संगोष्ठी की सफलता को सुनिश्चित करता है | इस संगोष्ठी में तकनीकी विशेषज्ञ डॉ मोनिका वार्ष्णेय ने ऑनलाइन अधिकाधिक लोगों को जोड़कर इसे सफल बनाने में अपना योगदान दिया |

यह भी पढ़ें : साइबर सुरक्षा के बिना भारत का विकास संभव नहीं : अमित शाह

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