नई दिल्ली (मा.स.स.). भारत में सर्वश्रेष्ठ कामकाज करने वाले जवाहरलाल नेहरू पोर्ट प्राधिकरण (जेएनपीए) में आईआईटी मद्रास के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के सहयोग से निरंतर समुद्री जल गुणवत्ता निगरानी स्टेशन (सीएमडब्लूक्यूएमएस) का विकास किया गया है। इसके साथ ही विद्युत चालित पर्यावरण निगरानी वाहन (ईवी) की शुरूआत की गई। निगरानी स्टेशन और वाहन का उद्घाटन जेएनपीए के अध्यक्ष संजय सेठी, आईएएस ने जेएनपीए के उपाध्यक्ष उन्मेष शरद वाघ तथा जेएनपीए के सभी विभागाध्यक्ष की उपस्थिति में किया। इस अवसर पर संजय सेठी ने कहा, “जेएनपीए निरतंरता प्राप्त करने और व्यापार के लिये मूल्य रचना के लिये प्रतिबद्ध है, जो आर्थिक, सामाजिक तथा पर्यावरण मानकों में परिलक्षित होता है। जेएनपीए सदैव पर्यावरण के मद्देनजर जिम्मेदार बंदरगाह बने रहने के लिये प्रयास करता रहता है। निरंतर समुद्री जल गुणवत्ता निगरानी स्टेशन और ई-वाहनों की शुरूआत सतत विकास के प्रति संकल्प की एक पहल है।”
निरंतर जल गुणवत्ता प्रणाली और विद्युत चालित निगरानी वाहन के जरिये बंदरगाह क्षेत्र में समुद्री जल और वायु की गुणवत्ता प्रबंधन में सहायता मिलेगी तथा बंदरगाह क्षेत्र के भीतर पर्यावरण की गुणवत्ता को दुरुस्त रखा जायेगा। इस तरह जेएनपीए वाहनों से निकलने वाली ग्रीन-हाउस गैस को कम करने में सक्षम होगा। इसके अलावा बंदरगाह सम्पदा के आसपास पर्यावरण गुणवत्ता के पालन की निगरानी भी संभव होगी। यह कार्य जल गुणवत्ता स्टेशन के आंकड़ों, पानी के तापमान, पीएच, घुली हुई ऑक्सीजन, अमोनिया, कंडक्टीविटी, नाइट्रेट, खारेपन, पानी का गदलापन, समुद्री जल का टीडीएस आदि के जरिये पूरा किया जायेगा। समुद्री जल का टीडीएस समुद्री जल की गुणवत्ता सम्बंधी डेटाबेस पर आधारित होता है। यह समुद्री पर्यावरण में स्वच्छता मानकों को बनाये रखने के लिये जरूरी है। ई-वाहनो से भी जेएनपीए में मौजूदा वायु और कोलाहल के स्तर की निगरानी की जायेगी।
जेएनपीए ने पर्यावरण को उन्नत बनाने और ग्रीन पोर्ट पहलों के लिये कई काम शुरू किये हैं। इन कामों में सीवर उपचार संयंत्र, निरंतर वातावरणीय वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन, समग्र ठोस कचरा प्रबंधन सुविधा, एलईडी बल्बों को बंदरगाह क्षेत्र तथा टाउनशिप में लगाना, ई-आरटीजीसीएस, तटीय बिजली आपूर्ति, शेवा मंदिर और जेएनपीए शेवा पहाड़ की तलहटी के निकट जलस्रोतों को दोबारा जीवित करना, केंद्रीयकृत पार्किंग प्लाजा में सुगम यातायात की पहल, मैनग्रोव प्रबंधन, तेल बहने की स्थिति को रोकना, आदि सहित बंदरगाह में हरित आवरण शामिल हैं। जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ने लगभग 4.10 एमडब्लूपी के सौर पैनल लगाये हैं। औसतन 38 प्रतिशत बिजली की जरूरत नवीकरणीय ऊर्जा से पूरी की जा रही है। बंदरगाह क्षेत्र में एलईडी बल्ब लगाकर बिजली की खपत कम करके कार्बन उत्सर्जन में कटौती लाई जा रही है।