जबलपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि झूठी गारंटी देने वालों से सावधान रहना है। जिन लोगों की अपनी कोई गारंटी नहीं है, वह लोग आपके पास गारंटी वाली नई-नई स्कीम ला रहे हैं। उनकी गारंटी में छिपे खोट को पहचान लीजिए। झूठी गारंटी के नाम पर उनके धोखे के खेल को भांप लीजिए। जब मुफ्त बिजली की गारंटी देते हैं तो इसकी गारंटी है कि बिजली के दाम बढ़ाने वाले हैं। मुफ्त सफर की गारंटी देते हैं तो इसका मतलब है कि यातायात व्यवस्था चौपट होने वाली है।
पेंशन की गारंटी देते हैं तो तय है कि समय पर वेतन भी नहीं मिलेगा। सस्ता पेट्रोल देने की गारंटी देते हैं तो इसका मतलब है कि टैक्स बढ़ाकर ने वाले हैं। इनकी रोजगार बढ़ाने की गारंटी देते हैं तो इसका मतलब है कि उद्योग-धंधे चौपट होने वाले हैं। कांग्रेस जैसी पार्टियों की गारंटी यानी नीयत में खोट गरीब पर चोट। वह लोग 70 साल से गरीब को भरपेट भोजन दे नहीं सके। लेकिन यह प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त राशन की गारंटी देता है। वह 70 साल में गरीबों को सस्ती स्वास्थ्य सेवा नहीं दे सके लेकिन हमने आयुष्मान कार्ड देकर स्वास्थ्य बीमा दिया है। उनकी गारंटी का मतलब है कि कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ है।
विपक्षी एकजुटता पर भी निशाना साधा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जो साथ आने का वादा कर रहे हैं, उनके सोशल मीडिया में बयान वायरल हो रहे हैं। वह हमेशा से एक-दूसरे को पानी पी-पीकर कोसते रहे हैं। विपक्षी एकजुटता की गारंटी नहीं है। यह परिवारवादी पार्टियां अपने परिवारों का भला चाहती है। उनके पास सामान्य परिवारों को आगे ले जाने की गारंटी नहीं है। जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं, वह जमानत लेकर बाहर घूम रहे हैं। जो घोटालों के आरोपों में सजा काट रहे हैं, वह एक मंच पर दिख रहे हैं। उनके पास भ्रष्टाचार मुक्त शासन की गारंटी नहीं है। वह एक सुर में देश के खिलाफ बयान दे रहे हैं। वह देशविरोधी तत्वों के साथ बैठकें कर रहे हैं। उनके पास आतंकवाद मुक्त भारत की गारंटी नहीं है।
वह गारंटी देकर निकल जाएंगे लेकिन भुगतना आपको पड़ेगा। वो गारंटी देकर अपनी जेब भर लेंगे, लेकिन नुकसान आपके बच्चों को उठाना होगा। वह गारंटी देकर अपने परिवार को आगे लेकर जाएंगे लेकिन इसकी कीमत देश को चुकानी होगी। इस वजह से आपको कांग्रेस समेत हर राजनीतिक दल की गारंटी से सतर्क रहना है। झूठी गारंटी देने वालों का रवैया हमेशा से आदिवासियों के खिलाफ रहा है। जनजातीय समुदाय के युवाओं के सामने भाषा की चुनौती आती थी। अब नई शिक्षा नीति में इस समस्या को दूर किया गया है। झूठी गारंटी देने वाले राष्ट्रीय शिक्षा नीति का विरोध कर रहे हैं। वह नहीं चाहते कि आदिवासी भाई-बहनों के बच्चे अपनी भाषा में पढ़ाई कर सके। उन्हें पता है कि अगर आदिवासी, दलित, पिछड़ा और गरीब का बच्चा पढ़ लेगा तो उनकी वोटबैंक की सियासत चौपट हो जाएगी।
रानी दुर्गावती की जयंती देश मनाएगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन लोगों ने टंट्या मामा की अनदेखी की, हमने पातालपानी स्टेशन का नाम रखा। हमारे लिए आदिवासी नायकों का सम्मान युवाओं का सम्मान है। रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती को पूरे देश में मनाया जाएगा। मैं घोषणा करता हूं कि रानी दुर्गावती की 500वीं जन्म शताब्दी पूरे देश में केंद्र सरकार मनाएगी। उनके जीवन के आधार पर फिल्म बनाई जाएगी। एक चांदी का सिक्का भी निकाला जाएगा। पोस्टल स्टैम्प भी निकाला जाएगा। रानी दुर्गावती की कहानी घर-घर में पहुंचाने की कोशिश करेंगे।
मोदी ने कहा कि सिकल सेल एनीमिया जैसी बीमारी बहुत कष्टदायी होती है। इसके मरीजों के जोड़ों में हमेशा दर्द रहता है। शरीर में सूजन, थकावट रहती है। पीठ, पैर और सीने में असहनीय दर्द महसूस होता है। सांस फूलती है। लंबे समय तक दर्द सहने वाले मरीज के शरीर के अंदरुनी अंग भी क्षतिग्रस्त होने लगते हैं। यह बीमारी परिवारों को भी बिखेर देती है। यह बीमारी न हवा से होती है और न पानी से। यह न भोजन से फैलती है, बल्कि माता-पिता से ही बच्चे में आ सकती है। जो बच्चे इस बीमारी के साथ जन्म लेते हैं, वह पूरी जिंदगी इससे जूझते रहते हैं। पूरी दुनिया में इसके जितने मामले हैं, उनमें से आधे अकेले हमारे देश में होते हैं।
दुर्भाग्य है कि 70 साल में कभी इसकी चिंता नहीं हुई। इससे निपटने के लिए कोई ठोस प्लान नहीं बनाया गया। प्रभावित लोग आदिवासी समाज के थे, उनके प्रति बेरुखी के चलते पहले की सरकारों के लिए यह कोई मुद्दा नहीं था। इस चुनौती को हल करने का बीड़ा भाजपा की सरकार ने उठाया है। हमारे लिए आदिवासी समाज सिर्फ एक सरकारी आंकड़ा नहीं है। यह संवेदनशील विषय है।
2025 तक टीबी को जड़ से खत्म करेंगे
मोदी ने यह भी कहा कि कई बीमारियों को हमने कम किया है। टीबी को 2025 तक खत्म करना है। कालाजार के 11 हजार मामले सामने आए थे। आज यह घटकर एक हजार से भी कम रह गए थे। 2013 में मलेरिया में दस लाख मामले थे। 2022 में दो लाख से कम रह गए हैं। कुष्ट रोग, दिमागी बुखार के मरीजों की संख्या भी तेजी से घटे हैं। यह सिर्फ आंकड़े नहीं हैं। जब बीमारी कम होती है तो लोग दुख, संकट और मृत्यु से भी बचते हैं। बीमारियों पर खर्च कम हो, इसके लिए आयुष्मान भारत योजना लाए हैं। लोगों पर बोझ कम हुआ है। मध्य प्रदेश में एक करोड़ लोगों को आयुष्मान कार्ड दिए गए हैं। अगर किसी गरीब को कभी अस्पताल जाना पड़ा तो यह कार्ड उसकी जेब में पांच लाख रुपये के एटीएम कार्ड का काम करेगा।
आप याद रखियेगा, आपको जो कार्ड मिला है, अस्पताल में उसकी कीमत पांच लाख रुपये के बराबर है। कार्ड होगा तो कोई आपसे पैसे नहीं मांगेगा, इलाज से मना नहीं करेगा। आपको देश के किसी भी जगह दिक्कत आई तो मोदी की गारंटी दिखा देना, आपको इलाज मिलेगा। आयुष्मान कार्ड गरीब के इलाज के लिए पांच लाख रुपये की गारंटी है और यह मोदी की गारंटी है। देशभर में आयुष्मान योजना के तहत अस्पतालों में पांच करोड़ गरीबों का इलाज हो चुका है। आयुष्मान भारत का कार्ड नहीं होता तो इन गरीबों को एक लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर बीमारी का उपचार कराना होता। इनमें से कितने ही लोग ऐसे होंगे, जिन्होंने जिंदगी की उम्मीद भी छोड़ दी होगी। कितने परिवार ऐसे होंगे, जिन्हें इलाज के लिए खेती या घर बेचना पड़ता।
हमारी सरकार ऐसे हर मुश्किल मौके पर गरीब के साथ खड़ी नजर आई है। पांच लाख रुपये का यह आयुष्मान योजना, गारंटी कार्ड, गरीब की सबसे बड़ी चिंता दूर करने की गारंटी है। आज तक किसी गरीब को किसी ने पांच लाख रुपये की गारंटी नहीं दी। मोदी ने आपको यह कार्ड दिया है, जो पांच लाख रुपये की गारंटी है।
साभार : अमर उजाला
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं