लखनऊ. चूड़ी और कांच उत्पादों के लिए विख्यात कांच नगरी फिर से अपना ऐतिहासिक वैभव पाने की ओर अग्रसर है। जिला पंचायत के बाद अब नगर निगम में भी फिरोजाबाद का नाम बदलकर चंद्रनगर करने का प्रस्ताव पास हो गया। गुरुवार को हुई 12 सदस्यीय कार्यकारिणी की बैठक में 11 सदस्यों ने इसे ध्वनिमत से स्वीकृति दी। 15 अन्य प्रस्ताव भी पास हुए। कार्यकारिणी की बैठक नगर निगम के जीवाराम हाल में सुबह 11 बजे मेयर कामिनी राठौर की अध्यक्षता में शुरू हुई।
बैठक में रखे गए थे कुल 17 प्रस्ताव
बैठक में कुल 17 प्रस्ताव रखे गए। कर निर्धारण अधिकारी नीरज पटेल ने सबसे बाद में फिरोजाबाद का नाम फिर से चंद्रनगर करने का प्रस्ताव रखा, जिसे बिना किसी वाद-विवाद के पास कर दिया गया। वार्ड नंबर 61 से सपा पार्षद मुहम्मद रिहान ने केवल इतना कहा कि पहले इसके साक्ष्य उपलब्ध कराए जाएं कि इसका नाम पूर्व में कभी चंद्र नगर था। यदि कोई साक्ष्य नहीं है, तो इसे फिरोजाबाद ही रहने दिया जाए।
इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद फिरोजाबाद का नाम बदले जाने की उम्मीद और बढ़ गई है। बैठक में उपसभापति श्याम सिंह यादव और नगर आयुक्त घनश्याम मीणा भी उपस्थित रहे। इससे पहले 12 जुलाई 2021 को हुई जिला पंचायत की पहली बोर्ड बैठक में प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ठा. जयवीर सिंह की उपस्थिति में ये मांग उठी थी। जिला पंचायत ने सर्वसम्मति से फिरोजाबाद का नाम चंद्रनगर करने का प्रस्ताव पास कर शासन को भेज दिया था।
इसलिए उठ रही मांग
माना जाता है कि फिरोजाबाद का नाम पहले चंद्रनगर ही था। जिसे राजा चंद्रसेन ने बसाया था। चंद्रवाड़ के नाम से यमुना के किनारे अब भी ग्राम पंचायत है, जहां राजा चंद्रसेन के किले के खंडहर मौजूद हैं। दो महीने पहले ही सरकार ने इस किले और आसपास के क्षेत्र के संरक्षित स्मारक घोषित किया है। वर्ष 1566 में अकबर द्वारा भेजे गए मंसबदार फिरोजशाह ने इसका नाम बदलकर फिरोजाबाद कर दिया।
साभार : दैनिक जागरण
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं