शुक्रवार, नवंबर 15 2024 | 03:50:53 AM
Breaking News
Home / अंतर्राष्ट्रीय / शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के प्रचार में सांस्कृतिक सहयोग और संवाद का बहुत महत्त्व : जी किशन रेड्डी

शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के प्रचार में सांस्कृतिक सहयोग और संवाद का बहुत महत्त्व : जी किशन रेड्डी

Follow us on:

नई दिल्ली (मा.स.स.). संस्कृति, पर्यटन और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री जी. किशन रेड्डी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के संस्कृति मंत्रियों की बैठक के 20वें सत्र की मेजबानी की। बैठक में कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान के संस्कृति मंत्रियों ने भाग लिया। एससीओ सदस्य देशों के संस्कृति मंत्रियों ने एससीओ ढांचे के तहत संस्‍कृति और अन्‍य ऐसे समझौतों में सहयोग के बारे में एससीओ सदस्‍य देशों की सरकारों के बीच समझौते के दायरे में संस्‍कृति के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के बारे में अपने विचार व्यक्त किए।

संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने अपने उद्घाटन भाषण में एससीओ राष्ट्रों के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों का उल्लेख किया। उन्होंने आपसी सम्मान, विविधता और समावेश के माध्यम से शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के प्रचार में सांस्कृतिक सहयोग और संवाद के महत्व का हवाला दिया। मंत्री ने इस अवसर पर एससीओ देशों की साझा बौद्ध विरासत पर विशेष रूप से तैयार की गई डिजिटल प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। एससीओ की अध्यक्षता की भारत की थीम ”सिक्योर – सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, कनेक्टिविटी, एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान, और पर्यावरण’ की उपयुक्तता का हवाला देते हुए, मंत्री ने कहा कि संस्कृति इस विषय के दिल में एक बंधनकारी शक्ति के रूप में निहित है जो इन सभी लक्ष्‍यों को हासिल करने में सीधे योगदान देती है। सामूहिक रूप से ‘जीवन के लिए उचित और सुरक्षित संस्कृति’ की स्थापना के माध्यम से ही हम इस क्षेत्र में समग्र समृद्धि के लिए रचनात्मक योगदान दे सकते हैं।

उन्होंने नई दिल्ली में 14-15 मार्च 2023 को आयोजित एससीओ की साझा बौद्ध विरासत पर हाल के सम्मेलन में पर्यवेक्षक राज्यों और संवाद भागीदारों सहित एससीओ राष्ट्रों की भागीदारी की सराहना की। उन्होंने बुद्ध की शिक्षाओं पर प्रकाश डाला और दुनिया की विभिन्‍न संस्‍कृतियों और एससीओ देशों के बीच साझा इतिहास दोहराने के लिए इन मूल्यों और प्रथाओं को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। बैठक के अंत में, एससीओ के सदस्य देशों के सभी संस्कृति मंत्रियों द्वारा प्रोटोकॉल को अपनाया गया और उस पर हस्ताक्षर किए गए। भारत जून, 2017 में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का पूर्ण सदस्य बन गया था।

भारत ने एससीओ संस्कृति मंत्रियों की बैठक पर चर्चा और दस्‍तावेज तैयार करने के लिए वर्चुअल प्रारूप में 3.2.2023 और 31.3.2023 को एससीओ वरिष्ठ संस्कृति अधिकारियों की दो बैठकों की मेजबानी की। संस्कृति मंत्रालय ने एससीओ सदस्य देशों, पर्यवेक्षक देशों और बातचीत के सहयोगियों की साझा बौद्ध विरासत पर सम्मेलन की नई दिल्ली में 14-15 मार्च, 2023 को मेजबानी की। सम्मेलन में बौद्ध विद्वानों और एससीओ देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। भारत की अध्यक्षता में चल रहे “एससीओ काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ स्टेट्स” के दौरान, एससीओ का उद्देश्य ‘सिक्योर’ (सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, कनेक्टिविटी, एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान, और पर्यावरण) के विषय को आगे बढ़ाना है, जिसे भारत के प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 2018 में क़िंगदाओ में एससीओ शिखर सम्मेलन में स्‍पष्‍ट तौर पर व्यक्त किया है।

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://www.amazon.in/dp/9392581181/

https://www.flipkart.com/bharat-1857-se-1957-itihas-par-ek-drishti/p/itmcae8defbfefaf?pid=9789392581182

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

चीन अपने नागरिकों के लिए पाकिस्तान में तैनात करना चाहता है अपने सुरक्षाकर्मी

बीजिंग. पाकिस्तान में लगातार चीनी नागरिकों पर बढ़ रहे हमलों की वजह से अब ड्रैगन …