जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के समय शुरू की गई पालनहार योजना की तारीफ करने के साथ विरोधियों पर तंज भी कसे। सीएम गहलोत ने कहा- मेरी भावना अंतिम सांस तक प्रदेशवासियों की सेवा करने की है। मैं किसी पद पर रहूं, नहीं रहूं, कहीं रहूं, प्रदेशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि आपकी सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहूंगा। गहलोत सोमवार को सीएम हाउस में पालनहार योजना के लाभार्थी बच्चों से संवाद कार्यक्रम में बोल रहे थे। कार्यक्रम के तहत इस योजना से जुड़े बच्चों के अकाउंट में रुपए ट्रांसफर किए गए।
इसे लेकर सीएमआर में प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसके अलावा प्रदेश के सभी जिलों में भी स्थानीय स्तर पर ये कार्यक्रम था। कार्यक्रम में गहलोत ने शेर सुनाकर सियासी इरादों को जाहिर करते हुए कहा- ना पूछो मेरी मंजिल कहां है, अभी तो सफर का इरादा किया है। ना हारूंगा हाैसला उम्र भर, यह मैंने किसी और से नहीं, खुद से वादा किया है। गहलोत के इस बयान को कांग्रेस के भीतर चल रही सियासी खींचतान से जोड़कर देखा जा रहा है।
वसुंधरा राजे ने योजना लागू की, मैंने इसको पकड़ लिया
गहलोत ने कहा- कोई नहीं जानता था कि अनाथ बच्चों का भविष्य क्या होगा। उन बच्चों के लिए पालनहार योजना वसुंधरा राजे ने लागू की, लेकिन उन्होंने कोई पैसा नहीं बढ़ाया। मैंने इसको पकड़ लिया। मैं अच्छे काम पकड़ लेता हूं। हमारी स्कीम्स को वसुंधरा राजे ने सरकार बदलने पर बंद कर दिया था। जो नहीं करनी चाहिए था। चाहे मेट्रो थी, रिफाइनरी थी, केदारनाथ हादसे में मृतकों के परिजनों को नौकरी का फैसला था, सबको बंद कर दिया। बीजेपी की अप्रोच बहुत गलत है। गहलोत ने कहा- हमारी सरकार आती है तो बीजेपी राज की स्कीम्स को बंद नहीं करती। हमारी सोच पाॅजिटिव है। यह योजना वसुंधरा राजे की सरकार ने लागू की और हम इसे मजबूत कर रहे हैं। ईआरसीपी की योजना है 13 जिलों की, उसे हम बंद नहीं करके आगे बढ़ा रहे हैं। हमारी सरकार की अप्रोच नेगेटिव नहीं, पाॅजिटिव है।
मेरे दोनों पैरों में एक साथ चोट लग गई, डॉक्टर कह रहे हैं ऐसा पहला केस
सीएम गहलोत ने दोनों पैरों में एक साथ चोट लगने का जिक्र करते हुए कहा- मेरे दोनों पैरों में एक साथ चोट लग गई। ऐसा कभी होता नहीं है। डॉक्टर कह रहे हैं हमने पहला ऐसा केस देखा है, जिसमें दोनों पैरों के अंगूठों में एक साथ फ्रैक्चर हो जाए, ऐसा कभी होता नहीं है। कोई एक्सीडेंट हो जाए या दूसरी घटना हो तो अलग बात है, लेकिन सामान्य रूप से ऐसा नहीं होता। मैं देखता हूं भगवान ने जानबूझकर किया होगा। दो महीनों से मैं लगातार दौरे कर रहा था, सोचा होगा कुछ आराम कर लेगा तो ठीक रहेगा। तो यह घटना हो गई। पहले डॉक्टरों ने सलाह दी कि घर के अंदर से ही वीसी से जुड़ जाऊं। लेकिन, मेरे दोस्तों ने सलाह दी कि बच्चों का प्रोग्राम है तो आपको आना ही होगा।
साभार : दैनिक भास्कर
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