लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान के बाद एक के बाद एक एनकाउंटर हो रहे हैं। दरअसल, सीएम योगी ने विधानसभा में कहा था कि माफिया को मिट्टी में मिला देंगे। इसके बाद से यूपी में बड़े-बड़े माफिया को ठिकाने लगाया जा रहा है। बता दें कि झांसी में माफिया अतीक अहमद का बेटा असद अहमद और उसका दोस्त शूटर गुलाम पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था। ये दोनों काफी समय से पुलिस को चकमा देकर इधर-उधर अपनी लोकेशन बदल रहे थे। लेकिन सटीक जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने असद और गुलाम को झांसी में घेर लिया था।
पुलिस के अनुसार असद और गुलाम ने पुलिस कर्मियों पर फायरिंग कर भागने की कोशिश की थी लेकिन, वे कामयाब नहीं हुए। क्योंकि पुलिस ने उन्हें चारों तरफ से घेर लिया था। इसके बाद पुलिस की जवाबी फायरिंग में दोनों ढेर हो गए थे। इसके बाद पश्चिमी यूपी के बिजनौर जिले में कुख्यात बदमाश आदित्य राणा मुठभेड़ में मारा गया। आदित्य राणा दो बार पुलिस कस्टडी से फरार हो चुका था। पुलिस काफी समय से उसकी तलाश में जुटी हुई थी। पुलिस ने रात में करीब ढाई बजे उसे घेर लिया था। जिसके बाद वह एनकाउंटर में मारा गया था।
वहीं, अब पश्चिमी यूपी का बड़ा कुख्यात बदमाश अनिल दुजाना भी मुठभेड़ में मारा गया। बताया गया कि एक सप्ताह पहले ही कुख्यात अनिल दुजाना जमानत पर जेल से बाहर आया था। बताया गया कि उसके जेल से बाहर आने पर लोगों में दहशत थी। जानकारी के अनुसार, जहां कुख्यात अनित दुजाना मुठभेड़ में मारा गया है, उस जगह से 32 बोर और अन्य हथियार के 16 खोके बरामद हुए हैं।
23 साल पहले अवैध सरिए का कारोबार करता था अनिल दुजाना
वर्ष 2000 से पूर्व अनिल दुजाना, सुंदर भाटी के लिए अवैध सरिया का कारोबार का कार्य करता था। वह अवैध सरिया कारोबार से हुई कमाई का कुछ हिस्सा सुंदर माटी को देता था। चूंकि अनिल दुजाना कुख्यात किस्म का अपराधी नहीं था, इसलिए अपराध जगत में अपना वर्चस्व बढ़ाने के लिए इसने सुंदर भाटी के नाम का सहारा लिया और धीरे-धीरे अपराध कर अपना नाम विख्यात करता रहा।
साभार : अमर उजाला
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