इस्लामाबाद. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ 9 अगस्त को नेशनल असेंबली को भंग करने की घोषणा करेंगे. उन्होंने यह फैसला सांसदों के सम्मान में रात्रिभोज के बाद आया, जहां देश की राजनीतिक स्थिति पर गहन चर्चा की गई. वे 9 अगस्त को नेशनल असेंबली को भंग करने के लिए राष्ट्रपति को औपचारिक सलाह भेजेंगे. संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार, विघटन को प्रभावी बनाने के लिए राष्ट्रपति को 48 घंटों के भीतर सलाह पर हस्ताक्षर करना होगा. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, यदि किसी भी कारण से राष्ट्रपति सलाह पर हस्ताक्षर नहीं करते हैं, तो विधानसभा स्वचालित रूप से भंग हो जाएगी.
इस हफ्ते में सौंपेंगे कार्यवाहक पीएम का नाम
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री शहबाज़ (Shehbaz Sharif) ने आश्वासन दिया कि विपक्ष के साथ तीन दिनों के परामर्श के बाद, वह कार्यवाहक प्रधान मंत्री का नाम राष्ट्रपति को सौंपेंगे. हालांकि, अगर कोई समझौता नहीं होता है, तो पाकिस्तान चुनाव आयोग (ECP) हस्तक्षेप करेगा और प्रस्तावित नामों में से कार्यवाहक प्रधान मंत्री पद के लिए एक उम्मीदवार को नामित करेगा. डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, इस हफ्ते की शुरुआत में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) ने कहा था कि पाकिस्तान में आगामी चुनाव 2023 की डिजिटल जनगणना के आधार पर होंगे. उन्होंने कहा कि जनगणना परिणामों को मंजूरी देने वाली संस्था काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट (सीसीआई) की एक बैठक अपेक्षित थी.
MQM ने दी तीखी प्रतिक्रिया
शरीफ ने आगे कहा कि जनगणना के नतीजे फाइनल होते ही सीसीआई को भेज दिए जाएंगे. जब उनसे चुनाव में किसी देरी की संभावना के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए. हालांकि उन्होंने कहा कि गेंद चुनाव आयोग के पाले में होगी. हालांकि, इस फैसले पर मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जो पाकिस्तान में गठबंधन सरकार में सत्तारूढ़ सहयोगियों में से एक है. MQM के मुताबिक कराची की आबादी को नई जनगणना में कम गिना गया है.
12 अगस्त को खत्म हो जाएगा कार्यकाल
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले हफ्ते, पीएम शरीफ (Shehbaz Sharif) ने एक इंटरव्यू में कहा था कि नेशनल असेंबली का कार्यकाल 12 अगस्त को खत्म हो जाएगा और उससे पहले असेंबली भंग कर दी जाएगी. शरीफ ने आगे कहा कि कार्यवाहक पीएम के बारे में फैसला नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता के परामर्श से लिया जाएगा और इससे पहले वह सभी सहयोगी दलों और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) के कायदे नवाज शरीफ से परामर्श करेंगे.
साभार : जी न्यूज़
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