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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सूरीनाम में भारतीय समुदाय को संबोधित किया

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नई दिल्ली (मा.स.स.). राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सूरीनाम की अपनी यात्रा के अंतिम दिन एक स्वागत समारोह में भारतीय समुदाय के सदस्यों को संबोधित किया। इस स्वागत समारोह की मेजबानी सूरीनाम में भारत के राजदूत डॉ. शंकर बालाचंद्रन ने पारामारिबो में की थी। स्वागत समारोह प्रारंभ होने से पहले उड़ीसा में हुई रेल दुर्घटना में दिवंगत हुए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए 2 मिनट का मौन रखा गया। राष्ट्रपति ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और सूरीनाम भौगोलिक दृष्टि से अलग हो सकते हैं, लेकिन अपने साझा इतिहास और अपनी साझी विरासत से एक हैं। सूरीनाम तथा सूरीनामी के लोगों का भारतीयों के हृदय में विशेष स्थान है।

राष्ट्रपति ने प्रसन्नता व्यक्त की कि सूरीनाम में भारतीय डायस्पोरा देश के आर्थिक, राजनीतिक तथा सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है और निभा रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय समुदाय के लोगों ने लगभग सभी क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त की है। भारत को भारत-सूरीनामी लोगों की उपलब्धियों और सूरीनाम के विकास में उनकी भूमिका पर बहुत गर्व है। राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय समुदाय दोनों देशों के बीच मित्रता और सहयोग के सेतु के रूप में काम करता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारतीय समुदाय के लोग अपने-अपने क्षेत्रों में कठिन परिश्रम करते रहेंगे और भारत तथा सूरीनाम के बीच अनूठे संबंध को और मज़बूत बनाएंगे।

द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आज भारत परिवर्तन के पथ पर है। भारत तेज वृद्धि के साथ बने रहने के लिए नई अवसंरचना का निर्माण कर रहा है। हम डिजिटल अर्थव्यवस्था, नई टेक्नॉलोजी, जलवायु परिवर्तन कार्रवाई पर वैश्विक नेतृत्व करने का प्रयास कर रहे हैं और नॉलेज समाज के रूप में उभर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत के शानदार आर्थिक लचीलेपन ने अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि भारत अपने अनुभवों को साझा करने और प्रगति तथा विकास के लिए सूरीनाम की खोज में समर्थन देने के लिए तैयार है। इससे पहले राष्ट्रपति लल्ला रुख संग्रहालय, आर्य दिवाकर मंदिर और विष्णु मंदिर देखने गयीं। उन्होंने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और पारामारिबो में ‘जेवालेन हेल्डेन 1902’ के स्मारक पर भी श्रद्धा सुमन अर्पित किये। राष्ट्रपति बाद में सूरीनाम और सर्बिया की अपनी राजकीय यात्रा के अंतिम चरण में बेलग्रेड के लिए रवाना हुईं।

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