नई दिल्ली. भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार चुनावी राज्य भोपाल के दौरे पर हैं. यहां पर उन्होंने गुरुवार (7 सितंबर 2023) को प्रेस कॉन्फ्रेंस में समय से पहले चुनाव कराने के संकेत दिए. राजीव कुमार ने कहा, संविधान में लिखित कानून के मुताबिक हमारा काम समय से पहले चुनाव कराना है.
भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, ‘हमारा कर्तव्य संवैधानिक प्रावधानों और जनप्रतिनिधित्व कानून के मुताबिक सरकार का कार्यकाल खत्म होने से पहले ही चुनाव करा देना है. अनुच्छेद 83 (2) कहता है कि संसद का कार्यकाल 5 सालों का होगा और इसके अनुरूप आरपी अधिनियम की धारा 14 कहती है कि 6 महीनों पहले हम चुनाव की घोषणा कर सकते हैं. ऐसी ही स्थिति राज्य विधानसभाओं के लिए भी है. कानूनी प्रावधानों के अनुसार, हम चुनाव कराने के लिए हमेशा तैयार हैं.
मध्य प्रदेश में कितने वोटर्स हैं?
राजवी कुमार ने यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, ‘मतदाता सूची का आखिरी प्रकाशन 05 अक्टूबर को किया जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य में करीब 5.52 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें से 2.67 करोड़ महिलाएं हैं. ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर पूछे गये एक सवाल के जवाब में मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि आयोग को संवैधानिक प्रावधानों और जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत समय से पहले चुनाव कराना होता है.
क्यों उठा जल्द चुनाव कराने का सवाल?
केंद्र सरकार ने लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगरपालिकाओं और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने के मुद्दे पर गौर करने और जल्द से जल्द सिफारिशें देने के लिए शनिवार को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति के गठन की अधिसूचना जारी की थी.
कुमार ने कहा कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए अंतिम मतदाता सूची पांच अक्टूबर को प्रकाशित की जाएगी और नए पात्र मतदाताओं से आग्रह किया कि वे अपना नाम मतदाता सूची में दर्ज कराएं और यदि उन्हें अपने डेटा में कोई विसंगति मिलती है तो सुधार के लिए आवेदन करें.
साभार : एबीपी न्यूज़
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