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सनातन धर्म की तुलना सामाजिक कलंक वाली बीमारियों से की जानी चाहिए : ए राजा

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चेन्नई. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के द्वारा पिछले दिनों दिए गए सनातन धर्म पर विवादित बयान के बाद देशभर में माहौल गर्म हो गया है. इस बीच उन्हीं की पार्टी के नेता ए राजा उनसे कुछ और कदम आगे निकल गए हैं और उन्होंने भी विवादित बयान दे दिया है. असल में डीएमके सांसद ए राजा ने कहा कि सनातन पर उदयनिधि का रुख नरम था. सनातन धर्म की तुलना सामाजिक कलंक वाली बीमारियों से की जानी चाहिए. जबकि उदयनिधि ने सनातन की तुलना मलेरिया से की है.

‘सनातन की तुलना एचआईवी से’

डीएमके सांसद ए राजा यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि सनातन की तुलना एचआईवी और कुष्ठ रोग जैसे सामाजिक कलंक वाली बीमारियों से की जानी चाहिए. इसके बाद ए राजा के इस बयान के बाद माहौल और भी ज्यादा गरम हो गया. हालांकि अब इस पर कांग्रेस की तरफ से जवाब भी आ गया है. कांग्रेस ने कहा कि वो इससे सहमत नहीं है. कांग्रेस की तरफ से प्रवक्ता पवन खेड़ा ने गुरुवार को कहा कि हमारी पार्टी ऐसी टिप्पणियों का समर्थन नहीं करती. हम सभी धर्मों को साथ लेकर चलते हैं.

कांग्रेस ने दी ये प्रतिक्रिया
पवन खेड़ा ने कहा कि किसी धर्म को कमतर नहीं करना चाहिए. संविधान भी इसकी इजाजत नहीं देता. कांग्रेस सर्वधर्म समभाव में विश्वास करती है. कांग्रेस चाहे उदयनिधि हो या ए राजा किसी का भी समर्थन नहीं करती है. पवन खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस लोगों को एकजुट रखने के लिए काम कर रही है और ये यात्रा भी उसी के लिए है. वहीं दूसरी तरफ ए राजा के बयान को लेकर बीजेपी ने भी प्रतिक्रिया दी है. अमित मालवीय ने लिखा कि उदयनिधि के बाद ए राजा सनातन धर्म को नीचा दिखाने का प्रयास कर रहे हैं.

बीजेपी ने साधा निशाना
उन्होंने लिखा कि ये देश की 80 फीसदी जनता पर निशाना साध रहे हैं, जो सनातन धर्म का पालन कर रही है. कांग्रेस की अगुवाई वाली इंडिया गठबंधन की यही हकीकत है. ये सोचते हैं कि हिन्दुओं को नीचा दिखाकर चुनाव जीते जा सकते हैं. मालूम हो कि सनातन धर्म पर चल रहा पूरा विवाद उदयनिधि स्टालिन के बयान के बाद शुरू हुआ जब उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में सुधार नहीं बल्कि उसे खत्म करने की बात कही. उदयनिधि ने कहा कि यह धर्म एक बीमारी की तरह है. जिस तरह से समाज में डेंगू और मलेरिया है.

साभार : जी न्यूज़

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