लखनऊ. यूपी में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शाम राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मुलाकात की। सीएम की राज्यपाल से मुलाकात के बाद 10 नवंबर को मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा फिर तेज हो गई है। उधर, सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर और पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान के मंगलवार देर रात लखनऊ पहुंचने से चर्चा को और बल मिला है।
सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बीते सप्ताह गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात में मंत्रिमंडल विस्तार की सैद्धांतिक सहमति बन गई थी। केंद्रीय नेतृत्व ने सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर, पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान सहित एक दो अन्य चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल करने का निर्णय मुख्यमंत्री पर छोड़ा है। सीएम की राज्यपाल से मुलाकात के बाद चर्चा है 9 नवंबर को अयोध्या में कैबिनेट के बाद 10 नवंबर को मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है। इसमें ओमप्रकाश राजभर, दारा सिंह के अलावा लोकसभा चुनाव में जातीय समीकरण साधने के लिए एक दो नए चेहरों को जगह मिल सकती है।
राजभर बना रहे हैं दिल्ली में दबाव
भाजपा के सूत्रों के मुताबिक सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए दिल्ली में भाजपा नेतृत्व पर दबाव बनाया है। जुलाई में राजभर ने एनडीए में शामिल होने की घोषणा की थी। उसके बाद से वह मंत्रिमंडल में जगह पाने के लिए कई बार दिल्ली दरबार में बात कर चुके हैं। दारा सिंह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से भी कई दौर की मुलाकात कर चुके हैं।
दारा सिंह के नाम पर फंसा था पेंच
सूत्रों के मुताबिक आरएसएस और भाजपा के कुछ नेता घोसी उप चुनाव में हार के बाद दारा सिंह को मंत्री बनाने के पक्षधर नहीं हैं। दारा सिंह के नाम पर सहमति नहीं बनने से ही इतने दिनो से मामला अटका हुआ है। लेकिन ओमप्रकाश राजभर का खुद के साथ दारा सिंह को भी मंत्री बनाने का दबाव है। पूर्वांचल के नोनिया चौहान मतदाताओं को साधने के लिए दारा सिंह को शामिल किया जा सकता है।
कुछ मंत्रियों के विभाग बदल सकते हैं
शासन के सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल विस्तार के बाद प्रदेश सरकार के कुछ मंत्रियों के विभाग भी बदल सकते हैं। सीएम मंत्रियों के डेढ़ वर्ष के प्रदर्शन के आधार पर उनके विभागों में बदलाव कर सकते हैं।
लोकसभा चुनाव के बाद होगा दूसरा विस्तार
भाजपा के सूत्रों के मुताबिक प्रदेश सरकार के कुछ मंत्रियों को भी लोकसभा चुनाव लड़ाया जाएगा। ऐसे में जो मंत्री लोकसभा चुनाव जीत जाएंगे उन्हें मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना होगा। उनके इस्तीफे से खाली हुई सीटों को भरने के लिए जुलाई 2024 बाद दूसरा मंत्रिमंडल विस्तार होगा।
साभार : अमर उजाला
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