नई दिल्ली (मा.स.स.). केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने कल नई दिल्ली में अफ्रीका क्षेत्र के विभिन्न देशों के पंद्रह राजदूतों की मेजबानी की। राजदूतों के साथ परस्पर बातचीत के दौरान गोयल ने कहा कि भारत और अफ्रीका के बीच दशकों से उल्लेखनीय मित्रता बनी हुई है और इनमें भविष्य की महाशक्ति बनने की क्षमता है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य घनिष्ठ आर्थिक सहयोग में वृद्धि करना, व्यापार संबंधों को बढ़ाना और भारत तथा अफ्रीका के बीच सहयोग के क्षेत्रों की खोज करना है।
पीयूष गोयल ने राजदूतों का स्वागत किया और भारत-अफ्रीका संबंधों के उल्लेखनीय मूल्य को रेखांकित किया। गोयल ने अफ्रीका को सर्वोच्च प्राथमिकता देने और निरंतर तथा नियमित रूप से अफ्रीका के साथ भारत के जुड़ाव को मजबूत करने की दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता पर बल दिया। उन्होंने मिशन प्रमुखों को एकजुटता के साथ काम करने के लिए प्रोत्साहित किया और अफ्रीकी तथा भारतीय उपमहाद्वीप के विकास के लिए मित्रता का हाथ बढ़ाया। गोयल ने दोहराया कि यह एक नए सहयोग की शुरुआत है और पुष्टि की कि भारत दोनों देशों के बीच व्यापार, वाणिज्य, व्यवसाय, निवेश और अवसरों का विस्तार करने के लिए एक भरोसेमंद साझीदार के रूप में कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि भारत,अफ्रीकी देशों या ,भारत समग्र रूप से पूरे अफ्रीका के साथ द्विपक्षीय या व्यक्तिगत रूप से एफटीए वार्ता के लिए तैयार है।
भारत और अफ्रीका के बीच एक स्थायी इतिहास और मजबूत सांस्कृतिक बंधन है। अफ्रीकी महाद्वीप अपनी तेजी से बढ़ती आबादी, उभरते मध्यम वर्ग और प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों के साथ भारतीय कंपनियों के लिए असीम अवसर प्रस्तुत करता है। बढ़े हुए व्यापार और निवेश के माध्यम से, भारत और अफ्रीका दोनों एक दूसरे की शक्ति और विशेषज्ञता से लाभान्वित हो सकते हैं तथा समावेशी विकास एवं रोजगार सृजन को बढ़ावा दे सकते हैं। आर्थिक पहलुओं के अतिरिक्त, उपस्थित जनसमूह ने भारत और अफ्रीका के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान, लोगों के परस्पर संपर्क और रणनीतिक सहयोग के महत्व पर जोर दिया। इस कार्यक्रम ने दोनों क्षेत्रों की समृद्ध विविधता और विरासत का लाभ उठाने तथा मित्रता के रिश्ते को सुदृढ़ करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया।
इस कार्यक्रम में अल्जीरिया, बोत्सवाना, मिस्र, घाना, गिनी गणराज्य, केन्या, मलावी, मोजाम्बिक, मोरक्को, रवांडा, दक्षिण अफ्रीका, तंजानिया, टोगो, युगांडा और जिम्बाब्वे जैसे प्रमुख अफ्रीकी देशों के राजदूतों की सहभागिता देखी गई। इसने राजनयिक प्रतिनिधियों को सार्थक चर्चाओं में शामिल होने, द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ बनाने और परस्पर वृद्धि एवं विकास के लिए नई साझीदारिया बनाने के लिए एक अनूठा मंच प्रदान किया।
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