शुक्रवार , मई 03 2024 | 02:06:17 PM
Breaking News
Home / राज्य / उत्तरप्रदेश / ज्ञानवापी विवाद : इमाम ने फीता पकड़ एएसआई के साथ करवाया सर्वे

ज्ञानवापी विवाद : इमाम ने फीता पकड़ एएसआई के साथ करवाया सर्वे

Follow us on:

लखनऊ. ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान विवाद हो गया। हिंदू पक्ष ने आरोप लगाया कि सर्वे में इमाम मदद करते देखे गए। माप-जोख के वक्त इमाम ने फीता पकड़ा था। दूसरी तरफ, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी इसे बेवजह का विवाद बता रही है। कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने कहा कि सर्वे टीम के सदस्य ने ही इमाम से फीता पकड़ने के लिए कहा था। इसकी जानकारी सर्वे टीम के सदस्यों से ली जानी चाहिए।

ज्ञानवापी में छठवें दिन भी सर्वे जारी रहा। एएसआई की टीम ने दक्षिण की तरफ तहखाने की जांच की है। साफ-सफाई के बाद साक्ष्य जुटाए हैं। पश्चिमी दीवार के आसपास सर्वे हुआ है। नींव व उससे सटे क्षेत्रों में मशीन लगाकर जानकारी जुटाई गई। टीम साक्ष्य जुटा रही है, लेकिन कोई जानकारी हिंदू या फिर मुस्लिम पक्ष को नहीं दे रही। दोनों पक्ष सर्वे में सहयोग कर रहे हैं।

इसी बीच नाप-जोख कर रही एएसआई की टीम के साथ मौजूद इमाम के फीता पकड़ने का मामला सामने आ गया। इस पर हिंदू पक्ष ने आपत्ति की और एएसआई की टीम परिसर का कोना-कोना खंगाल रही है। अगर जरूरत हो तो सर्वे में और विशेषज्ञों को जोड़ा जाना चाहिए। किसी की मदद लेना ठीक नहीं है। उधर, मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव का कहना है कि इमाम सर्वे में मदद कर रहे हैं। इमाम के फीता पकड़ने का मामला बाहर कैसे आया, इसकी जांच होनी चाहिए।

मसाजिद कमेटी कर रही सहयोग, चार को तैनाती
अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता मंगलवार को सर्वे के दौरान नहीं पहुंचे। मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने कहा कि सर्वे में अधिवक्ताओं की कोई जरूरत नहीं महसूस की जा रही है। कमेटी की तरफ से हाजी इकबाल, जावेद इकबाल, एजाज मोहम्मद और शमशेर अली सर्वे टीम के साथ मौजूद रहे हैं। जैसे ही अधिवक्ता की जरूरत पड़ेगी, वैसे ही भेजा जाएगा।

एएसआई का सर्वे संतोषजनक है। जो भी सहयोग मांगा जा रहा, उसे दिया जा रहा है। सर्वे टीम पश्चिमी दीवार की तरफ गहनता से जांच कर रही है। तथ्यहीन रिपोर्टिंग का मामला अदालत के संज्ञान में लाया गया है। इस पर बुधवार को सुनवाई होनी है। इससे पहले जिला प्रशासन से भी सख्ती की मांग की गई थी। वादी पक्ष से संयत बरतने की उम्मीद है। यह मामला संवेदनशील है। अदालत के आदेश पर सर्वे चल रहा है। नतीजों का इंतजार करना चाहिए।
– एसएम यासीन, संयुक्त सचिव, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी

 

साभार : अमर उजाला

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://www.amazon.in/dp/9392581181/

https://www.flipkart.com/bharat-1857-se-1957-itihas-par-ek-drishti/p/itmcae8defbfefaf?pid=9789392581182

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

ज्ञानवापी पर निर्णय देने वाले जज को विदेश से मिल रही हैं धमकियाँ

लखनऊ. बरेली में जज रवि कुमार दिवाकर को फोन पर जान से मारने की धमकी …