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हमने बैंकिंग सेक्टर को बेहतर करने के लिए कई कदम उठाए हैं : निर्मला सीतारमण

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नई दिल्ली. अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान लोकसभा में गुरुवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘हमने बैंकिंग सेक्टर को बेहतर करने के लिए कई कदम उठाए हैं। बैंक अब राजनीतिक हस्तक्षेप के बिना काम कर रहे हैं। बैंकों में फैलाया UPA का रायता हम साफ कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि 2013 में मॉर्गन स्टेनली ने भारत को दुनिया की पांच नाजुक अर्थव्यवस्थाओं की सूची में शामिल किया था। आज उसी मॉर्गन स्टेनली ने भारत को अपग्रेड किया और हाई रेटिंग दी है। 9 सालों में हमारी सरकार की नीतियों के कारण अर्थव्यवस्था ऊपर उठी और आर्थिक विकास हुआ। आज, हम दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था हैं।

वित्त मंत्री के भाषण की 5 बड़ी बातें…

  1. देश के सभी पब्लिक सेक्टर बैंक अच्छा परफॉर्म कर रहे
    वित्त मंत्री ने कहा- UPA के समय बैंकों की हालत बेहद खराब थी, फंसे हुए कर्ज को लेकर कोई कदम नहीं उठाए जा रहे थे। बीते 9 साल में बैंकों की सेहत में सुधार हुआ है और बदले हुए हालात सबके सामने हैं। आज देश के सभी पब्लिक सेक्टर के बैंक मुनाफे में हैं। पब्लिक सेक्टर बैंक रिकॉर्ड 1 लाख करोड़ से ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं। देश का सबसे बड़ा बैंक SBI सबसे प्रॉफिटेबेल बैंक बना है। इसका नेट प्रॉफिट अप्रैल-जून तिमाही में 18,537 करोड़ रुपए रहा है। बैंक आज पिलर ऑफ जनकल्याण बन गए हैं। आज बैंक प्रोफेशनली मैनेज हो रहे हैं।
  1. DBT ने दुनिया के लिए उदाहरण स्थापित किया
    हमारी डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर, यानी DBT स्टोरी ने बाकी दुनिया के लिए एक उदाहरण स्थापित किया है। UPA ने 2013-14 में केवल 7,367 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए। उस अमाउंट से 2014-15 तक ही DBT ट्रांसफर 5 गुना बढ़ गया है। पिछले वित्त वर्ष में हमने DBT के माध्यम से 7.16 लाख करोड़ रुपए ट्रांसफर किए हैं।
  2. ‘बनेगा, मिलेगा’ जैसे शब्द अब प्रचलन में नहीं
    वित्त मंत्री ने कहा- ‘बनेगा, मिलेगा’ जैसे शब्द अब प्रचलन में नहीं हैं। आजकल लोग बन गए, मिल गए का उपयोग करते हैं। बिजली आएगी… अब बिजली आ गई, गैस कनेक्शन मिलेगा.. अब गैस कनेक्शन मिल गया, एयरपोर्ट बनेगा… अब एयरपोर्ट बन गया। उन्होंने कहा- परिवर्तन वास्तविक डिलीवरी के माध्यम से आता है, न कि बोले गए शब्दों के माध्यम से।
  3. नौ साल में 9884 जन औषधि केंद्र खोले गए
    वित्त मंत्री ने बताया कि 2014 में देश में 80 केंद्र थे, लेकिन बीते 9 साल में 9,884 जन औषधि केंद्र खोले गए हैं। वहीं अन्य सेक्टर्स का डेटा बताते हुए उन्होंने कहा कि कैपिटल एक्सपेंडिचर साल 2014 में 3.92 लाख करोड़ से बढ़कर अब 10.9 लाख करोड़ हो गया है।

UPA कार्यकाल की तुलना में एग्रीकल्चर का बजट करीब पांच गुना बढ़कर 1 लाख 25 हजार करोड़ हो चुका है। साल 2014 में देश में 74 एयरपोर्ट थे, लेकिन अब ये आंकड़ा 148 तक पहुंच गया है। देश में उस समय सिर्फ 2 फूड पार्क थे, जो अब 23 हो गए हैं।

  1. ग्लोबल रैंकिंग में 10 से 5वें नंबर पर पहुंचे
    वित्त मंत्री ने कहा कि दुनिया में विकास दर 3% पर पहुंच गई है। आज दुनिया मंदी के दौर से गुजर रही है और ब्रिटेन-जर्मनी जैसे देश भी चुनौतियों से जूझ रहे हैं। यूरोप भी आर्थिक संकट में है, लेकिन भारत सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गया है। साल 2014 में भारत ग्लोबल में 10वें पायदान पर था, लेकिन आज ये तेज रफ्तार के साथ 5वें नंबर पर आ गया है।

भारतीय बाजार में होने वाली है लंबी तेजी की शुरुआत
हाल ही में मॉर्गन स्टेनली ने भारत के बाजार पर अपने आउटलुक को बढ़ाकर ओवरवेट किया था, जबकि चीन पर आउटलुक डाउनग्रेड कर इक्वलवेट कर दिया था। स्टेनली का मानना ​​है कि भारत में लंबी तेजी की शुरुआत होने वाली है, जबकि चीन की तेजी खत्म होने के करीब है।मॉर्गन स्टेनली ने कहा भारत का भविष्य काफी हद तक चीन के अतीत जैसा दिखता है। ऐसा लगता है कि दशक के अंत में चीन का GDP ग्रोथ रेट भारत के 6.5% की तुलना में लगभग 3.9% रहेगा। नोट में यह भी कहा गया है कि डेमोग्राफिक ट्रेंड भी भारत के फेवर में दिख रहा है, जबकि चीन में पिछले दशक की शुरुआत से कामकाजी उम्र की आबादी में गिरावट देखी गई है।

साभार : दैनिक भास्कर

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