तिरुवनंतपुरम. केरल उच्च न्यायालय ने एक महिला डॉक्टर की हत्या का स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार और पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है। उच्च न्ययाालय राज्य पुलिस प्रमुख को 11 मई को ऑनलाइन पेश होने को कहा है और मामले में एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन और न्यायमूर्ति कौसर एडप्पागथ की खंडपीठ ने राज्य से कहा, यदि आप डॉक्टरों की रक्षा नहीं कर सकते हैं, तो अस्पतालों को बंद कर दें।
दरअसल, कोट्टारक्कारा के एक तालुक अस्पताल में इलाज के लिए लाए गए एक व्यक्ति ने बुधवार को 22 वर्षीय एक महिला डॉक्टर वंदना दास की चाकू मारकर कथित तौर पर हत्या कर दी। परिवार के सदस्यों के साथ मारपीट करने के बाद आरोपी व्यक्ति को पुलिस अस्पताल लेकर आई थी।
राज्यपाल और सीएम पहुंचे अस्पताल
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और सीएम पिनाराई विजयन ने किम्स (KIMS) अस्पताल का दौरा किया। डॉक्टर वंदना दास का पार्थिव शरीर इसी अस्पताल में रखा गया है।
ड्रेसिंग के दौरान आरोपी ने किया हमला
कोट्टारक्कारा पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि जब डॉक्टर उस व्यक्ति के पैर के घाव की ड्रेसिंग कर रही थी, तभी वह व्यक्ति अचानक उत्तेजित हो गया और कैंची और चाकू से वहां खड़े सभी लोगों पर हमला कर दिया। अधिकारी ने बताया कि महिला डॉक्टर हमले में बुरी तरह घायल हो गई। आरोपी को अस्पताल लेकर आए पुलिस कर्मी भी हमले में घायल हो गए। उन्होंने बताया कि डॉक्टर को तिरुवनंतपुरम के एक निजी अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई।
घटना की जानकारी देते हुए कोट्टारक्करा पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ मारपीट के बाद खुद को बचाने के लिए आपातकालीन नंबर पर फोन किया था। उन्होंने बताया कि मौके पर पहुंची पुलिस, आरोपी को घायल अवस्था में तालुक अस्पताल लेकर पहुंची। अधिकारी ने बताया, “उसने शराब का सेवन किया था और जब हम उसे अस्पताल ले गए तो वह हिंसक हो गया। वह महिला डॉक्टर के साथ अकेला था क्योंकि हमें कमरे में जाने की अनुमति नहीं थी। डॉक्टर आरोपी के घाव की मरहम-पट्टी कर रही थीं।”
अधिकारी ने बताया कि बाद में उस पर बहुत मुश्किल से काबू पाया गया और उसे हिरासत में ले लिया गया। उन्होंने बताया कि आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 (हत्या के प्रयास) मामला दर्ज किया गया है, वहीं महिला डॉक्टर की मौत के बाद उस पर हत्या का मामला भी दर्ज किया जाएगा।
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के एक अधिकारी ने एक टीवी चैनल से कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद घटना है और केरल भर के डॉक्टर इसका विरोध करेंगे। आईएमए अधिकारी ने बताया कि डॉक्टर वंदना दास अजीजिया मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हाउस सर्जन थीं और अपने प्रशिक्षण के तहत तालुक अस्पताल में थीं। आईएमए अधिकारी ने कहा कि उसे बचाने के बहुत प्रयास किए गए, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।
मेडिकल छात्रों ने किया विरोध प्रदर्शन
डॉक्टर वंदना दास की हत्या के विरोध में कोट्टारक्करा में चिकित्सा पेशेवर सड़कों पर उतर आए। वहीं, तिरुवनंतपुरम में हाउस सर्जन एसोसिएशन के तत्वावधान में मेडिकल छात्रों ने विरोध-प्रदर्शन किया।
केरल हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान
केरल हाईकोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करने का फैसला किया है। न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन और न्यायमूर्ति कौसर एडप्पागथ की खंडपीठ ने इस घटना पर आश्चर्य व्यक्त किया और आज दोपहर 1.45 बजे एक विशेष बैठक करने का फैसला किया।
साभार : अमर उजाला
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं