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दिल्ली सरकार कमर्शियल बाइक-टैक्सी को करेगी फुली इलेक्ट्रिक

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नई दिल्ली. दिल्ली में पॉल्यूशन को कम करने और कंट्रोल करने के लिए दिल्ली सरकार ने मोटर व्हीकल एग्रीगेटर स्कीम 2023 के ड्राफ्ट को मंजूर कर दिया है. हालांकि दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने इस स्कीम को एलजी (उपराज्यपाल) के पास मंजूरी के लिए भेज दिया है. अगर दिल्ली के उपराज्यपाल से इस स्कीम को मंजूरी मिल जाती है तो दिल्ली में बाइक और टैक्सी का रास्ता साफ हो जाएगा. सरकार ने फरवरी महीने में प्रदूषण और यात्री सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दिल्ली में बाइक टैक्सी पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था. अगर ये स्कीम मंजूर हो जाती है तो दिल्ली में पॉल्यूशन को कम करने के लिए वाहनों को इलेक्ट्रिक व्हीकल में तब्दील किया जाए.

स्कीम मंजूर होने के बाद क्या बदलेगा?

नए कानून के मुताबिक दिल्ली में बाइक-टैक्सी के लिए अपने बेड़े में पहले छह महीने में 5 फीसदी फ्लीट को इलेक्ट्रिक करना होगा और उसके बाद धीरे-धीरे पूरी फ्लीट को इलेक्ट्रिक करना होगा. इसके अलावा 4 साल बाद सभी नए कमर्शियल दो पहिया और तीन पहिया वाहन को इलेक्ट्रिक करना अनिवार्य कर दिया जाएगा.

कमर्शियल 4-व्हीलर भी होंगे इलेक्ट्रिक

मोटर व्हीकल एग्रीगेटर स्कीम 2023 के मुताबिक, स्कीम का नोटीफिकेशन आने के 5 साल बाद सभी नए कमर्शियल 4 व्हीलर वाहन को भी इलेक्ट्रिक किया जाएगा. स्कीम में इसे अनिवार्य किया गया है. एग्रीगेटर और डिलिवरी सर्विस प्रोवाइडर को भी 1 अप्रैल 2030 तक सभी इलेक्ट्रिक फ्लीट में स्विच करना अनिवार्य होगा.

112 से जोड़ना अनिवार्य

स्कीम में ये भी प्रस्ताव रखा गया है कि सभी बाइक-टैक्सी को दिल्ली पुलिस की आपातकालीन सेवा 112 से जोड़ना अनिवार्य है. योजना लागू करने के पहले दिल्ली सरकार दिल्ली वासियों से राय भी लेगी. राय लेने के बाद ही स्कीम को लागू किया जाएगा.

पॉल्यूशन पैदा करने पर देना होगा शुल्क

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि योजना प्रदूषण पैदा करने वाले वाहन भुगतान के सिद्धांत पर आधारित है. यानी पारंपरिक वाहनों का इस्तेमाल करने वाले लोगों से लाइसेंस शुल्क अधिक लिया जा सकता है. योजना के तहत एक पारंपरिक वाहन का वाहन लाइसेंस शुल्क, एक इलेक्ट्रिक वाहन की तुलना में अधिक होगा. ऐसा बताया जा रहा है कि इस स्कीम के बाद इलेक्ट्रिक टैक्सी के लिए लाइसेंस शुल्क शून्य हो सकता है लेकिन सीएनजी टैक्सी का लाइसेंस शुल्क करीब 650 रुपए हो सकता है. दूसरा, इस योजना के तहत सभी लाइसेंस शुल्क और जुर्माने को राज्य इलेक्ट्रिक वाहन फंड में जमा किया जाएगा.

कहां होगा इस फंड का इस्तेमाल

इस फंड से सभी तरह के इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की गतिविधियों में इस्तेमाल किया जाएगा. दिल्ली में एग्रीगेटर को अपनी फ्लीट को इलेक्ट्रिक में परिवर्तित करने के लिए एक टारगेट तय किया जाएगा. साथ ही, सरकार दिल्ली में एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर्स को रेगुलेट करने जा रही है. दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन का ऐसा सिस्टम तैयार किया जा रहा है, जिससे प्रदूषण को कम करने के साथ ही यात्रियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सके.

साभार : जी न्यूज़

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