गुरुवार, दिसंबर 25 2025 | 08:01:19 AM
Breaking News
Home / अंतर्राष्ट्रीय / जेलेंस्की ने भ्रष्टाचार के आरोप में कई सैन्य अधिकारियों को नौकरी से निकाला

जेलेंस्की ने भ्रष्टाचार के आरोप में कई सैन्य अधिकारियों को नौकरी से निकाला

Follow us on:

कीव. जंग के बीच किसी देश का अपने यहां के सैन्य अधिकारियों को हटाने के मामले बहुत ही कम देखने को मिलते हैं. अगर ऐसा होता है, तो इसके पीछे कोई ठोस वजह जरूर होती है. ऐसा ही कुछ यूक्रेन में देखने को मिला है, जहां राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने अपने सारे सैन्य अधिकारियों को नौकरी से निकाल दिया.

समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भ्रष्टाचार का हवाला देते हुए देश के हर क्षेत्र में सैन्य भर्ती करने वाले अधिकारियों को नौकरी से निकाल दिया. उन्होंने कहा कि युद्ध के समय भ्रष्टाचार करना देशद्रोह के बराबर है. यूक्रेन में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार पसरा हुआ है. युद्ध से पहले भी लोगों को भ्रष्टाचार जैसी समस्या से जूझना पड़ता था. इस बार ये सेना में भी देखने को मिल रहा है.

सैन्य अधिकारियों संग मीटिंग के बाद लिया फैसला

दरअसल, जेलेंस्की ने सीनियर सैन्य अधिकारियों के साथ एक बैठक की. इसके बाद एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘हम सभी स्थानीय मिलिट्री आयुक्तों को हटा रहे हैं. इस सिस्टम को उन लोगों को चलाना चाहिए, जिन्हें मालूम है कि युद्ध क्या है और युद्ध के समय संशयवाद और रिश्वतखोरी देशद्रोह क्यों मानी जाती है.’ यूक्रेन रूस के साथ पिछले साल फरवरी से ही युद्ध लड़ रहा है.

भ्रष्टाचार खत्म करने की उठी मांग

रूस के साथ चल रहे युद्ध में लड़ने के लिए यूक्रेन के अलग-अलग हिस्सों से युवाओं की भर्ती की जा रही है. जिन सैन्य अधिकारियों को नौकरी से निकाला गया है, उनका काम अलग-अलग क्षेत्रों से यूक्रेन की सेना के लिए युवाओं को नियुक्त करना था. पश्चिमी मुल्कों और यूरोपियन यूनियन जैसे संगठनों की तरफ से लगातार मांग की जा रही थी कि यूक्रेन को अपने यहां होने वाले भ्रष्टाचार पर रोक लगानी चाहिए.

यूक्रेन सरकार की ओर से सैन्य अधिकारियों को नौकरी से निकालना इस कड़ी में एक शुरुआत भर है. राष्ट्रपति कार्यालय की तरफ से जारी किए गए बयान में कहा गया कि जिस तरह से सैन्य अधिकारियों ने नियुक्ति में भ्रष्टाचार किया है, वो देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है. इसकी वजह से देश के संस्थानों की साख पर असर पड़ा है. अब सेना प्रमुख सैन्य नियुक्त प्रक्रिया को पूरा करने के लिए अधिकारी चुनेंगे.

साभार : एबीपी न्यूज़

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://www.amazon.in/dp/9392581181/

https://www.flipkart.com/bharat-1857-se-1957-itihas-par-ek-drishti/p/itmcae8defbfefaf?pid=9789392581182

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शन के दौरान जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को पुलिस ने हिरासत में लिया

लंदन. क्लाइमेट चेंज एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग को मंगलवार को सेंट्रल लंदन में अरेस्ट किया गया …