लखनऊ (मा.स.स.). उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि भारत की सबसे अधिक युवा शक्ति प्रदेश में है। इस युवा शक्ति के टैलेण्ट को टेक्नोलाजी तथा ट्रेनिंग के साथ जोड़कर उसे विकास के लिए आगे बढ़ाना आज की आवश्यकता है। इस दृष्टि से आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस, इण्टरनेट आफ थिंग्स, बिग डेटा, कोडिंग तथा प्रोग्रामिंग फ्यूचरिस्टिक स्किलिंग के कार्यक्रम हैं। इनके साथ युवा शक्ति को जोड़ना है। यह उत्तर प्रदेश जैसे राज्य के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि देश व दुनिया वर्तमान में राज्य की ओर देख रही है।
मुख्यमंत्री लोक भवन में सैमसंग इनोवेशन कैम्पस कार्यक्रम के अन्तर्गत लखनऊ विश्वविद्यालय से आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस, इण्टरनेट आफ थिंग्स, बिग डेटा, कोडिंग और प्रोग्रामिंग में प्रशिक्षण पूरा करने वाले लखनऊ विश्वविद्यालय के 383 छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र वितरण करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने 10 छात्र-छात्राओं को प्रमाण-पत्र प्रदान किए। कार्यक्रम में सैमसंग इनोवेशन कैम्पस कार्यक्रम पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सभी युवा छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आने वाले समय के लिए हमें स्वयं को तैयार करना होगा। तकनीक का उपयोग हमें करना चाहिए। आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस, इण्टरनेट आॅफ थिंग्स, बिग डेटा, कोडिंग तथा प्रोग्रामिंग यह सभी अत्यन्त महत्वपूर्ण पाठ्यक्रम हैं। इन सभी कोर्सेज़ से जुड़कर युवा अपना भविष्य उज्ज्वल कर सकते हैं तथा मानवता के कल्याण एवं प्रदेश और देश के विकास में बड़ा योगदान दे सकते हैं।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आप सभी ने अपना प्रशिक्षण पूरा किया है। इस प्रशिक्षण की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें थ्योरी तथा प्रोजेक्ट वर्क दोनों पर ध्यान दिया गया है। प्रोजेक्ट वर्क पर समय देने का परिणाम है कि यहां बैठे युवा आत्मविश्वास से भरपूर है। उनका यह आत्मविश्वास युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के प्रति आश्वस्त होने का प्रमाण है। हमारे युवा भरपूर ऊर्जा व प्रतिभा से प्रदेश के विकास में अपना योगदान दे रहा है। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से युवाओं को रोजगार व नौकरी के लिए आश्वस्त करते हुए कहा कि इस प्रकार के इनोवेशन तथा टेªनिंग कार्यक्रम युवाओं के मार्गदर्शक के रूप में बड़ी भूमिका का निर्वहन करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी युवा सौभाग्यशाली हैं, जिन्हें अमृतकाल के प्रथम वर्ष में सैमसंग इनोवेशन कैम्पस के साथ जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है। कुछ ही वर्षों में भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। इस दृष्टि से अपने युवाओं को तैयार करना होगा। विशेषकर देश की सबसे बड़ी आबादी के राज्य उत्तर प्रदेश के युवाओं को इसके लिए अपने आपको तैयार करना होगा।
आदित्यनाथ ने सैमसंग इण्डिया को धन्यवाद देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा से सैमसंग इण्डिया ने अपने सी0एस0आर0 मद से देश के 08 सेण्टर में प्रशिक्षण का एक विशेष कार्यक्रम प्रारम्भ किया है। इसके लिए प्रदेश के लखनऊ विश्वविद्यालय को चुना गया है। आज उन्हें लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रशिक्षण प्राप्त 383 छात्रों को दीक्षान्त समारोह के माध्यम से उज्ज्वल भविष्य के प्रति शुभेच्छा व्यक्त करने का अवसर प्राप्त हुआ है। आज उत्तर प्रदेश में अनेक सम्भावनाएं हैं। अब प्रदेश के युवाओं को पलायन नहीं करना पड़ता है। उन्हें यहीं पर अलग-अलग सेक्टर में अवसर उपलब्ध हैं। हमारे पास निवेश के लिए अलग-अलग सेक्टोरल पालिसी उपलब्ध हैं। प्रदेश की सम्भावनाओं को जमीनी धरातल पर उतारने का यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट एक उदाहरण है। इसके माध्यम से 35 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्रदेश में प्राप्त हुए हैं। यह निवेश प्रस्ताव राज्य के युवाओं को नौकरी व रोजगार की सम्भावनाओं के प्रति आश्वस्त करते हैं। इस दृष्टि से सैमसंग इनोवेशन कैम्पस बड़ी भूमिका का निर्वहन कर सकता है। यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से सभी सेक्टरों में तथा प्रदेश के सभी 75 जनपदों में निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इसके लिए आप सभी युवा स्वयं को तैयार करें। प्रदेश की डबल इंजन की सरकार सभी युवाओं की सम्भावनाओं को आगे बढ़ाने में मदद करेगी। केन्द्र व राज्य सरकार मिलकर युवाओं के सपनों को नई उड़ान देने के लिए तत्पर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को तकनीकी दृष्टि से सक्षम तथा समर्थ बनाने के लिए राज्य सरकार ने विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को टैबलेट तथा स्मार्टफोन वितरित करने का कार्य शुरू किया है। यह देश का सबसे बड़ा अभियान है। अभी तक 20 लाख युवाओं को इस कार्यक्रम से जोड़ा जा चुका है। इस वर्ष प्रदेश के बजट में इसके लिए 3600 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है। प्रदेश के स्केल को स्किल में बदलने के लिए सरकार ने बड़े अभियान को अपने हाथ में लिया है। प्रदेश सरकार ने टाटा टेक्नोलाजीज़ के साथ मिलकर राज्य के 150 से अधिक आई0टी0आई0 के पुनरूद्धार का बड़ा अभियान शुरू किया है। इनमें इन्फ्रास्ट्रक्चर, लैबोरेटरी की स्थापना तथा न्यू एज कोर्सेज़ की शुरुआत की जाएगी। इस अभियान के माध्यम से 35 हजार युवाओं को प्रतिवर्ष प्रशिक्षित करते हुए उन्हें देश के विकास में योगदान देने के लिए तैयार किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि विगत 06 वर्षों के दौरान प्रदेश के साढ़े पांच लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां उपलब्ध करायी गयी हैं। राज्य के लगभग पौने दो करोड़ युवाओं को प्रदेश में ही रोजगार से जोड़ने का कार्य किया गया है। लगभग 60 लाख से अधिक परम्परागत उद्यम से जुड़े उद्यमियों तथा युवाओं को स्वतः रोजगार से जोड़ने में भी सरकार ने अपना योगदान दिया है। इसी का परिणाम है कि प्रदेश के प्रत्येक गांव में बैंकिंग की सुविधा है। इस कार्य को गांव की बेटी या बहू बी0सी0 सखी के तौर पर सम्पन्न कर रही हैं। यह बी0सी0 सखी प्रदेश की सभी 58 हजार ग्राम पंचायतों में बैंक के व्यवसाय को बढ़ावा दे रही हैं। साथ ही, प्रतिमाह 60 हजार से लेकर डेढ़ लाख रुपये कमा भी रही हैं। इस कार्य में तकनीकी बड़ी भूमिका का निर्वहन कर रही है। प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से सैमसंग इसी तकनीकी के साथ आपको जोड़ने का एक माध्यम उपलब्ध करा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डी0बी0टी0 के माध्यम से प्रदेश में क्रांति आयी है। पहले राज्य में निराश्रित महिलाओं तथा वृद्धजन को 300 रुपये प्रतिमाह पेंशन के रूप में प्राप्त होते थे। 06 महीने में कुल 1800 रुपये पेंशन आती थी। उस पेंशन का पूरा भाग उन्हें नहीं मिलता था, बल्कि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता था। आज तकनीकी ने बहुत परिवर्तन किया है। तकनीकी के माध्यम से हम प्रदेश की 01 करोड़ निराश्रित महिलाओं, दिव्यांगजन तथा वृद्धजन को 12 हजार रुपये प्रतिवर्ष पेंशन की सुविधा दे रहे हैं। हर तीसरे माह पेंशन सीधे उनके खातों में भेजी जाती है। डिजिटल इण्डिया भ्रष्टाचार पर सबसे बड़ा प्रहार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले इन्दिरा आवास योजना के माध्यम से 20 हजार रुपये आवास के लिए दिए जाते थे। इसमें से भी पूरा पैसा लाभार्थियों तक नहीं पहुंचता था। आज ग्रामीण क्षेत्रों में आवास के लिए 01 लाख 20 हजार रुपये, शौचालय के लिए 12 हजार रुपये तथा 90 दिन की मजदूरी के बराबर धनराशि कुल लगभग 01 लाख 50 हजार रुपये उपलब्ध कराए जाते हैं। शहरी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ढाई लाख रुपये उपलब्ध कराए जाते हैं। आज इसमें किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार नहीं होता है। धनराशि सीधे लाभार्थियों के खातों में प्रेषित की जाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भूख से मृत्यु होना मानवता के लिए एक चुनौती तथा कलंक है। वर्ष 2017 में हमारी सरकार बनने से पूर्व प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में भूख से मृत्यु हो रही थी। जब मार्च, 2017 में उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो प्रदेश की सभी 80 हजार राशन की उचित दर की दुकानों में एक साथ छापेमारी की गयी, जिससे प्रदेश में लगभग 30 लाख नकली राशन कार्ड मिले थे। अनेक जरूरतमंदों के पास राशन कार्ड नहीं थे। एक अभियान के माध्यम से सभी जरूरतमंदों को राशन कार्ड दिए गए। इसके लिए ई-पास मशीनों की व्यवस्था की गयी। ई-पास मशीनों की माॅनीटरिंग लखनऊ से भी की जा सकती है। यह तकनीक का बेहतर उदाहरण है, जो हर व्यक्ति के जीवन में परिवर्तन कर सकती है और उसकी जरूरतों को पूरा करने में मदद कर सकती है। आज प्रदेश में 15 करोड़ जरूरतमंद खाद्यान्न की सुविधा का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। आज जरूरतमंदों तक 100 रुपये में से 15 रुपये पहुंचने की बात नहीं होती है, बल्कि आज 100 रुपये में से 100 रुपये जिस कार्य के लिए भेजा जाता है, उन व्यक्तियों के पास पहुंचता है। प्रदेश में हुए परिवर्तन डिजिटल क्रांति का एक भाग है। उत्तर प्रदेश में विगत 06 वर्षों में डबल इंजन की सरकार ने डिजिटल क्रांति के दृष्टिगत नये प्रयास प्रारम्भ किए हैं तथा अपने को तैयार किया है। आज उत्तर प्रदेश देश में मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग का सबसे बड़ा हब है। इसके साथ ही, यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 में प्राप्त निवेश के प्रस्तावों से अगले तीन से चार वर्षों में उत्तर प्रदेश डाटा सेण्टर का सबसे बड़ा हब होने जा रहा है। राज्य सरकार ने आई0टी0 सेक्टर, सेमी कण्डक्टर, डाटा सेण्टर, स्टार्टअप तथा इलेक्ट्राॅनिक मैन्युफैक्चरिंग पर ध्यान दिया है। इस कार्य में भारत सरकार का भी सहयोग प्राप्त हुआ है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास तेजी के साथ हुआ है। पहले उत्तर प्रदेश में पश्चिमी यू0पी0, मध्य यू0पी0, पूर्वी यू0पी0 तथा बुन्देलखण्ड क्षेत्र में विकास में असमानता थी। पश्चिमी यू0पी0 के नोएडा-गाजियाबाद एन0सी0आर0 भाग में विकास ज्यादा था। मध्य यू0पी0 में लखनऊ तथा कानपुर को छोड़कर शेष भाग खराब स्थिति में थे। पूर्वी यू0पी0 तथा बुन्देलखण्ड भी विकास की दौड़ में बहुत पीछे थे। प्रदेश में जिस प्रकार के इन्फ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता थी, उसके लिए तत्कालीन सरकारों के पास कोई विज़न तथा इच्छाशक्ति नहीं थी। प्रदेश में इन्फ्रास्ट्रक्चर की भूमिका को देखते हुए हमारी सरकार ने इसके लिए कार्य प्रारम्भ किए। पूर्वी उत्तर प्रदेश को प्रदेश की राजधानी से जोड़ने के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे बनाया गया। इसने दूरियां भी कम कीं और समय भी बचाया। आज गाजीपुर या बलिया से लखनऊ मात्र 03 घण्टे में आया जा सकता है। पहले इसमें 08 से 10 घण्टे लगते थे। बुन्देलखण्ड क्षेत्र को भी एक्सप्रेस-वे से जोड़ा गया है। वर्तमान में पश्चिमी यू0पी0 को मध्य यू0पी0 तथा पूर्वी यू0पी0 से जोड़ने के लिए गंगा एक्सप्रेस-वे पर कार्य चल रहा है। प्रदेश की 54 इण्टर स्टेट कनेक्टिविटी को 04 लेन से जोड़ा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश सर्वाधिक मेट्रो संचालित करने वाला राज्य है। राज्य के 05 शहरों में मेट्रो का संचालन हो रहा है। देश की प्रथम रैपिड रेल का संचालन दिल्ली व मेरठ के मध्य प्रारम्भ होने वाला है। शीघ्र ही प्रधानमंत्री जी इसका उद्घाटन करेंगे। राज्य में एयर कनेक्टिविटी को बेहतर किया गया है। प्रदेश में वर्ष 2017 के पहले मात्र 02 एयरपोर्ट क्रियाशील थे। आज यहां 09 एयरपोर्ट क्रियाशील हैं। 12 एयरपोर्ट का विकास राज्य सरकार, भारत सरकार के सहयोग से कर रही है। ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर तथा वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर के साथ ही राज्य में रेलवे का सबसे बड़ा नेटवर्क मौजूद है। वाराणसी से हल्दिया के मध्य इनलैण्ड वाटर-वे प्रारम्भ हो चुका है। अन्य नदियों में इनलैण्ड वाटर-वे के लिए तैयारियां की जा रही हैं। डिजिटल क्रांति के बाद हमारे यहां लाजिस्टिक क्रांति आने वाली है। इसमें युवाओं को अपना योगदान देने के लिए अपने आपको तैयार करना होगा।
औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने कहा कि मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ आबादी के सपनों को पूरा करने के लिए तत्पर हैं। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश 01 ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से अग्रसर है। उत्तर प्रदेश के 02 करोड़ युवाओं को आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री ने उन्हें टैबलेट व स्मार्ट फोन देने का कार्य प्रारम्भ किया है। सैमसंग इलेक्ट्रानिक्स ने वैश्विक सी0एस0आर0 पहल के अन्तर्गत सैमसंग इनोवेशन कैम्पस कार्यक्रम शुरू किया है। सैमसंग व उत्तर प्रदेश की साझेदारी बहुत मजबूत है। सैमसंग इनोवेशन कैम्पस के अन्तर्गत लखनऊ विश्वविद्यालय का चयन इस साझेदारी के नये अध्याय का आरम्भ है। सैमसंग साउथ वेस्ट एशिया के प्रेसीडेण्ट और सी0ई0ओ0 श्री जे0बी0 पार्क ने कहा कि उत्तर प्रदेश सैमसंग के लिए विनिर्माण और अनुसंधान आधारित पहल का एक प्रमुख केन्द्र है। हम भारत और उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा में प्रतिबद्ध भागीदार हैं। सैमसंग इनोवेशन कैम्पस के माध्यम से हमारा लक्ष्य उत्तर प्रदेश के युवाओं को भविष्य की तकनीकी क्षेत्रों में प्रशिक्षित करना और राज्य के विकास में योगदान देने के साथ ही डिजिटल इण्डिया को सशक्त बनाना है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह, लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 आलोक कुमार राय, इलेक्ट्रानिक्स सेक्टर स्किल काउन्सिल आफ इण्डिया (ई0एस0एस0सी0आई0) की मुख्य परिचालन अधिकारी डा0 अभिलाषा गौर सहित सैमसंग के अधिकारीगण, लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
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