नई दिल्ली. दिल्ली-एनसीआर, जम्मू-कश्मीर, पंजाब और चंडीगढ़ में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.4 मापी गई है। दस सेकंड तक झटके महसूस किए गए। इसका केंद्र जम्मू कश्मीर के डोडा में रहा। भूकंप के चलते लोग घरों से बाहर निकल आए। काफी देर तक लोग सहमे नजर आए। चिंता की बात ये है कि पिछले 36 घंटे के अंदर जम्मू कश्मीर की तरह भारत और आसपास के देशों में सात बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं। आइए जानते हैं कहां-कहां कब और कितनी तीव्रता का भूकंप आया? भूकंप क्यों आता है?
पहले जानिए आज क्या हुआ?
दोपहर 1:33 बजे जम्मू-कश्मीर के डोडा में 5.4 रिक्टर स्केल का एक भूकंप आया। 5.4 की तीव्रता का भूकंप मध्यम से ताकतवर भूकंप की श्रेणी में आता है। कई क्षेत्रों में झटके महसूस किए गए हैं। 4 से 4.4 रिक्टर पैमाने तक के भूकंप की दोबारा संभावना बनी हुई है। भूकंप का असर दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश तक देखने को मिला। कुछ सेकेंड के लिए धरती हिली। घबराए लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए।
अब जानिए पिछले 36 घंटे में कहां-कहां आया भूकंप?
1. डोडा, जम्मू कश्मीर : आज दोपहर 1 बजकर 33 मिनट पर जम्मू कश्मीर के डोडा शहर में भूकंप आया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.4 मापी गई। इसका असर दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और हरियाणा तक देखने को मिला।
2. म्यांमार : भारत के पड़ोसी मुल्क म्यांमार में दोपहर 12:20 पर भूकंप के झटके महसूस हुए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.0 रही।
3. तिब्बत : पड़ोसी देश तिब्बत में भी तड़के सुबह तीन बजकर 23 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस हुए। इसका केंद्र जियायांग में रहा। इसकी तीव्रता 4.3 रही।
4. म्यांमार: रात में दो बजकर 53 मिनट पर यहां 3.7 तीव्रता का भूकंप आया।
5. असम : यहां कार्बी आंगलोंग में सोमवार 12 जून को भूकंप के झटके महसूस हुए। इसकी तीव्रता 2.8 मापी गई। रात करीब 10 बजकर 47 मिनट पर ये भूकंप आया था।
6. नेपाल : यहां सोमवार 12 जून को सुबह रात बजकर 23 मिनट पर भूकंप आया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.5 मापी गई।
7. भूटान : यहां सोमवार 12 जून की रात एक बजकर 18 मिनट पर भूकंप आया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 2.9 मापी गई।
क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
जानें क्या है भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।
कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता और क्या है मापने का पैमाना?
भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।
साभार : अमर उजाला
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं