इस्लामाबाद. पाकिस्तान में पहली बार रूस से कच्चे तेल की खेप रविवार (11 जून ) को कराची बंदरगाह पहुंची. आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे पाकिस्तान को उम्मीद है कि इससे देश में आसमान छूती तेल की कीमतों में गिरावट आएगी. कच्चे तेल की खेप पहुंचने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री गदगद हैं. खुद उन्होंने ही रूस के कच्चे तेल पहुंचने की जानकारी दी.
रूस के तरफ से आए कच्चे तेल की खेप को लेकर पाकिस्तान भले ही जश्न मना रहा है लेकिन इससे देश में आसमान छूती तेल की कीमतों में गिरावट नहीं आने वाली. इस बात का दावा एक्सपर्ट कर रहे हैं. विशेषज्ञों का मनाना है कि रूसी तेल भारी होता है और उससे हाई स्पीड डीजल की बजाय ज्यादा फरनेस ऑयल निकलेगा. इससे पाकिस्तान में घरेलू स्तर पर तेल की कीमतें कम नहीं होंगी.
फरनेस ऑयल की डिमांड कम
जिओ न्यूज की रिपोर्ट की अनुसार, फरनेस ऑयल की पाकिस्तान में ज्यादा डिमांड ही नहीं है. पाकिस्तान पहले ही फरनेस तेल पर घाटा उठाकर निर्यात कर रहा है. ऐसे में रूसी तेल के बाद पाकिस्तान में फरनेस तेल और बढ़ जाएगा, जिसे खपा पाना पाकिस्तान के सरदर्द बन जाएगा .
रूस का तेल पाक के लिए फायदेमंद नहीं
जिओ न्यूज की रिपोर्ट की अनुसार, रूस ने 16 से लेकर 18 डॉलर सस्ते में यह तेल पाकिस्तान को दिया है. रूस से अभी 45 हजार टन कच्चा तेल पाकिस्तान पहुंचा है. रिपोर्ट की अनुसार, पाकिस्तान ने इस तेल के लिए चीनी मुद्रा युआन में यह भुगतान किया है. पाकिस्तान के तेल विशेषज्ञों का कहना है कि वहीं दूसरी तरफ सऊदी तेल में 50 फीसदी हाई स्पीड डीजल निकलता है और केवल 25 फीसदी फरनेस ऑयल निकलता है.
गौरतलब है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इसे रूस और पाकिस्तान के बीच नए रिश्तों की शुरुआत है. लेकिन अगर वास्तव में देश में तेल की कीमतें कम नहीं होती हैं तो लोग सरकार पर फिर सवाल उठाएंगे .
साभार : एबीपी न्यूज़
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