कोलकाता. कलकत्ता हाईकोर्ट राज्य में हाल ही में संपन्न पंचायत चुनावों में हुई भारी हिंसा को लेकर सख्त हो गया है। हाईकोर्ट ने हिंसा को कंट्रोल करने के लिए की गई कार्रवाई पर पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग (डब्ल्यूबीएसईसी) की रिपोर्ट पर नाराजगी जताई है। चीफ जस्टिस टी.एस. शिवगणनम और जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य की बेंच ने कहा कि आयोग की रिपोर्ट असंतोषजनक और अधूरी है। जस्टिस शिवगणनम ने यह भी कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली में निर्वाचित घोषित किए गए उम्मीदवारों की किस्मत काफी हद तक इस संबंध में दायर याचिकाओं के नतीजों पर निर्भर करेगी।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले में सभी याचिकाकर्ताओं को गुरुवार तक संबंधित दस्तावेज जमा करने का निर्देश दिया। इस मामले पर 18 जुलाई को दोबारा सुनवाई होगी। चुनाव संबंधी हिंसा के संबंध में चीफ जस्टिस की बेंच में तीन जनहित याचिकाएं दायर की गई हैं। पहले याचिकाकर्ता पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बीजेपी के सुवेंदु अधिकारी हैं। दूसरी याचिकाकर्ता भी बीजेपी नेता और कलकत्ता हाईकोर्ट की वकील प्रियंका टिबरेवाल हैं, जबकि तीसरा याचिकाकर्ता एक व्यक्ति फरहाद मलिक है।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने क्या कहा?
जस्टिस शिवगणम ने कहा कि कोर्ट विशेष रूप से केंद्रीय सशस्त्र बलों के कर्मियों की प्रभावी तैनाती और उपयोग में असहयोग करने के आयोग के खिलाफ आरोपों पर गौर करेगी। यदि राज्य अपने लोगों को सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकता है, तो अदालत इस मामले को गंभीरता से लेगी। आयोग को इस संबंध में हलफनामा दाखिल करना चाहिए। अदालत हर चीज़ की निगरानी कर रही है।
साभार : नवभारत टाइम्स
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं