गुरुवार , मई 02 2024 | 06:54:07 PM
Breaking News
Home / राष्ट्रीय / 928 लाइन रिप्लेसमेंट यूनिट व कंपोनेंट्स आदि की चौथी सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची को मंजूरी दी

928 लाइन रिप्लेसमेंट यूनिट व कंपोनेंट्स आदि की चौथी सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची को मंजूरी दी

Follow us on:

नई दिल्ली (मा.स.स.). रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (डीपीएसयू) द्वारा आयात को न्यूनतम करने के लिए रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 928 लाइन रिप्लेसमेंट यूनिट्स (एलआरयू)/सब-सिस्टम्स/कल-पुर्जों और कंपोनेंट्स, हाई-ऐंड-मटीरियल्स और अतिरिक्त-उत्पाद  सहित 715, करोड़ मूल्य के आयात प्रतिस्थापन मूल्य वाली की चौथी सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची (पीआईएल) को मंजूरी दे दी है। इन वस्तुओं का विवरण सृजन पोर्टल पर उपलब्ध है। (https://srijandefence.gov.in/)  इन्हें सूची में निर्धारित की गई समय सीमा के बाद ही भारतीय-उद्योग से खरीदा जा सकेगा।

पीआईएल की एलआरयू/ सबसिस्टम/असेम्बली/सब-असेंबली/अतिरिक्त कंपोनेंट्स से जुड़ी यह चौथी सूची उन तीन पीआईएल की श्रृंखला की निरंतरता में हैं जिसका मुद्रण दिसंबर 2021, मार्च 2022 और अगस्त 2022 में क्रम से किया गया था। इन सूचियों में 2500 आइटम हैं जो पहले से ही स्वदेशी हैं और 1238 (351+107+780) आइटम वे हैं जो दी गई समय सीमा के भीतर स्वदेशी किए जाएंगे। अब तक देश में 1,238 (प्रथम सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची-262, द्वितीय सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची-11, तृतीय सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची-37) में से 310 वस्तुओं का स्वदेशीकरण किया जा चुका है।

रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम इस स्वदेशी-करण को विभिन्न साधनों के माध्यम से पूरा करेंगे।  कुछ को सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग के द्वारा विकसित और निजी भारतीय उद्योग द्वारा बनाया जाएगा, इससे अर्थव्यवस्था में  विकास, रक्षा-क्षेत्र में निवेश और रक्षा के सार्वजनिक उपक्रमों के आयात में कमी आयेगी। इसके साथ ही घरेलू रक्षा-उद्योग में अकादमिक और अनुसंधान संस्थानों के शामिल होने से रक्षा उपकरणों के डिजाइन क्षमता भी बढ़ेगी।

डीपीएसयू शीघ्र ही इन सूचीबद्ध वस्तुओं में खरीदारी की शुरुआत करेगा। उद्योग इस मामले में अपनी रुचि (ईओआई)/प्रस्ताव के लिए अनुरोध (आरएफपी) सृजन पोर्टल डैश-बोर्ड  (https://srijandefence.gov.in/DashboardForPublic ) पर  कर सकता है, जिसे इसी कार्य के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है और बड़ी संख्या में भाग लेने के लिए आगे आ सकता है।

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://www.amazon.in/dp/9392581181/

https://www.flipkart.com/bharat-1857-se-1957-itihas-par-ek-drishti/p/itmcae8defbfefaf?pid=9789392581182

 

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

कांग्रेस और गांधीजी ने मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए चलाया था असहयोग आंदोलन

जो इतिहास हमें पढ़ाया जाता है, उसको पढ़कर ऐसा लगता है कि देश को स्वतंत्रता …