नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई को 4 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया. सिसोदिया को शराब घोटाला मामले में इस साल फरवरी में गिरफ्तार किया गया था. सुनवाई के दौरान मामले आने पर जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एस.वी.एन. भट्टी की पीठ ने कहा कि अदालत शुक्रवार या किसी अन्य दिन याचिकाओं पर सुनवाई कर सकती है.
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की तरफ से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने नियमित जमानत पर बहस के लिए 3 से 4 घंटे का समय मांगा. सिंघवी ने मामले को लेकर मीडिया में लगातार छप रही खबरों पर भी आपत्ति जताई. इस पर जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि कोर्ट इन खबरों पर ध्यान नहीं देता. फिर मामले को अगली सुनवाई तक के लिए टाल दिया गया.
पत्नी से मिलने के लिए मांगी जमानत
सिंघवी ने कहा कि पीठ से गुजारिश की थी कि मामले की सुनवाई 4 अक्टूबर को की जाए. उनका कहना था कि सुनवाई के दौरान बहुत ज्यादा समय लग सकता है. केंद्रीय एजेंसियों की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर एस.वी. राजू अदालत में पेश हुए. मनीष सिसोदिया ने मानवीय आधार पर अपनी बीमार पत्नी सीमा से मिलने के लिए अंतरिम जमानत अर्जी दाखिल की है. सीमा के बिगड़ते हालात को बयां करती हुई कुछ मेडिकल रिपोर्ट्स भी सामने आई हैं.
हाईकोर्ट ने जमानत से किया इनकार
इससे पहले, 4 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत पर कोई भी निर्देश पारित करने से इनकार कर दिया था. अदालत ने अंतरिम राहत और जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए मामले को 4 सितंबर को सूचीबद्ध किया था. सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई में सीबीआई और ईडी को नोटिस जारी किया था, जिसमें उनसे जवाब मांगा गया था. दिल्ली हाईकोर्ट ने जब सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था, तब वह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. दिल्ली हाईकोर्ट की एक पीठ ने 3 जुलाई को मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था. पीठ का कहना था कि वह ‘प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट’ (PMLA) के तहत जमानत देने की शर्तों को पूरा नहीं कर रहे हैं.
साभार : एबीपी न्यूज़
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं