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पर्यावरण अनुकूल एनए-आयन बैटरी का उत्पादन किया जा सकता है

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नई दिल्ली (मा.स.स.). वैज्ञानिकों ने एक ऐसा तरीका खोजा है जिनसे सोडियम-आयन बैटरियों के लिए सोडियम-पारगमन-धातु-ऑक्साइड-आधारित कैथोड सामग्री की वायु/जल-अस्थिरता तथा संरचनात्मक-सह-विद्युत-रासायनिक अस्थिरता का एक साथ पता लगा सकता है। इसके अनुसार नई हवा/जल-स्थिर और उच्च-प्रदर्शन कैथोड सामग्री विकसित की गई है। नव विकसित सामग्री में हवा/पानी के संपर्क में उच्च इलेक्ट्रोकेमिकल साइक्लिक स्थिरता और हवा/पानी के संपर्क में आने पर स्थिरता देखी गई। इस तरह, प्रणालियों का विकास सुगम होगा और ऐसी उम्मीद है कि इससे अनुप्रयोगों की एक श्रृंखला के लिए सस्ती तथा टिकाऊ ऊर्जा भंडारण प्रणालियों निर्मित होगी जिनमें उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, ग्रिड ऊर्जा भंडारण, नवीकरणीय ऊर्जा से प्राप्त ऊर्जा स्रोत और इलेक्ट्रिक वाहन शामिल हैं।

चूंकि जलवायु और पर्यावरण संबंधी चिंताओं की वजह से बैटरी चालित इलेक्ट्रिक वाहनों का महत्व बढ़ रहा है, ऐसे में एलआई-आयन प्रणाली से इतर एक लागत प्रभावी, संसाधन-अनुकूल, सुरक्षित और क्षार धातु-आयन बैटरी प्रणाली जरूरी हो जाती है। भारत में एनए-सोर्सेस बहुत अधिक हैं, जो आगामी एनए-आयन (Na-ion) बैटरी सिस्टम को भारतीय संदर्भ में और भी अधिक महत्वपूर्ण बना देता है।  किसी भी क्षार धातु-आयन बैटरी सेल की तरह, एक एनए-आयन सेल में कैथोड और एनोड सक्रिय सामग्री (मेटेलिक करेंट कलेक्टर फोइल के माध्यम से) भी होती है। यह सेल के चार्ज/डिस्चार्ज के दौरान चार्ज वाहक (यानी, ना-आयन) के प्रतिवर्ती उत्क्रमणीय/हटाने की सुविधा प्रदान करती है।

सोडियम-आयन बैटरियों के अनेक लाभ होने के बावजूद,’ परतदार’ एनए- टीएम- ऑक्साइड-आधारित कैथोड सामग्री के विद्युत रासायनिक व्यवहार/प्रदर्शन और नमी के संपर्क में उनकी स्थिरता को हकीकत में तब्दील करने के लिए एनए-आयन बैटरी सिस्टम के व्यापक विकास और उपयोग में सुधार की बहुत गुंजाइश है। ऐसा इसलिए है क्योंकि स्थिरता की ऐसी कमी एनए-टीएम -ऑक्साइड के संचालन/भंडारण को चुनौती देती है और उनके विद्युत रासायनिक प्रदर्शन को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। इसके अलावा, पानी की अस्थिरता के कारण इलेक्ट्रोड तैयार करने के लिए एन-मिथाइल-2-पाइरोलिडोन (एनएमपी) जैसे जहरीले-खतरनाक-महंगे रसायनों का उपयोग अनिवार्य हो जाता है, जो पानी आधारित घोल के संभावित उपयोग के विपरीत है।

आईआईटी बॉम्बे में प्रोफेसर अमर्त्य मुखोपाध्याय के समूह ने अपने हालिया शोध में, प्रमुख कारकों का जिक्र किया है जो इस चुनौती को दूर करने के लिए उच्च-प्रदर्शन वाली ना-आयन बैटरी विकसित करने में मदद कर सकते हैं. विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) द्वारा समर्थित उनके शोध में, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की एक संलग्न संस्था तथा डीएसटी की ऊर्जा भंडारण योजना की सामग्री में उन्होंने एक सार्वभौमिक डिजाइन मानदंड विकसित किया है। यह टिकाऊ एनए-आयन बैटरी सिस्टम और पर्यावरण की दृष्टि से स्थिर तथा उच्च-प्रदर्शन कैथोड के सफल डिजाइन एवं वृहद विकास का मार्ग प्रशस्त करता है। शोधकर्ताओं ने जर्नल केमिकल कम्युनिकेशंस में प्रकाशित एक पेपर में टीएम-ओ बॉन्ड सहसंयोजकता में “इंटरस्लैब” स्पेसिंग शुरू करके, एनए-आयन बैटरी कैथोड की एनए-टीएम-ऑक्साइड संरचना के वैकल्पिक स्लैब संरचना में बदलाव का सुझाव दिया है।

विशिष्ट ‘परतदार’ एन-टीएम ऑक्साइड संरचना एनएओ2 (ओ-एनए-ओ) और टीएमओ2 (ओ-टीएम -O) से बने वैकल्पिक ‘स्लैब’के माध्यम से निर्मित होती है, जिसमें ओ-आयन होते हैं (जो शुद्ध ऋणात्मक आवेश) और टीएम-आयनों और एनए-आयनों द्वारा उनकी संबंधित परतों को साझा किया जाता है (ओ-आयन दोनों उद्धरणों के लिए सामान्य है)। जबकि यहां टीएम-ओ बॉन्ड प्रकृति में आयनो-सहसंयोजक है, एनए-ओ मुख्य रूप से आयनिक है। ऐसी ‘परतदार’ संरचना में, टीएम-परत में धनायनों के उपयुक्त संयोजन को डिजाइन करके टीएम-ओ बांड की सहसंयोजकता की डिग्री को ट्यून कर, ओ-आयन पर शुद्ध/प्रभावी नकारात्मक चार्ज को ट्यून कर सकता है।  बदले में, एनए- और ओ-आयनों के बीच इलेक्ट्रोस्टैटिक खिंचाव को प्रभावित कर सकता है और एन-परत में ओ-आयनों के बीच के प्रतिकर्षण भी प्रभावित हो सकता है।

उदाहरण के लिए, कम टीएम-ओ सहसंयोजकता के कारण ओ-आयन पर एक उच्च शुद्ध/प्रभावी ऋणात्मक आवेश एनए-आयनों और ओ-आयनों के बीच उपार्जित इलेक्ट्रोस्टैटिक खिंचाव का कारण बनेगा। जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में एड. एनर्जी मैटर में शोधकर्ताओं ने दिखाया कि उपरोक्त को ‘इंटर-स्लैब’ रिक्ति (या एनए-लेयर मोटाई) को कम करना चाहिए और इससे हवा/पानी की स्थिरता में सुधार किया जा सकता है। यह एनए-आयन बैटरी के लिए उच्च-प्रदर्शन वाले जल-स्थिर कैथोड के विकास में मदद कर सकता है जिसे स्वास्थ्य/पर्यावरण-अनुकूल और सस्ते ‘जलीय’ संसाधन मार्ग के माध्यम से तैयार किया जा सकता है । (जैसा कि अन्य प्रकाशन जे. मेटर. केम. ए में भी प्रदर्शित किया गया है)।

इसके विपरीत, ओ-आयन पर एक कम प्रभावी नकारात्मक चार्ज, जो अधिक टीएम-ओ बांड सहसंयोजकता से प्रेरित है, वह एनए- और ओ-आयनों के बीच इलेक्ट्रोस्टैटिक खिंचाव को कम करेगा, जिसके परिणामस्वरूप एक कमजोर या लंबा एनए-ओ बॉन्ड तैयार होगा। यह तेजी से एनए-ट्रांसपोर्ट कैनेटीक्स की सुविधा प्रदान करेगा और,  इस प्रकार, कैथोड की बढ़ी हुई दर-क्षमता, एनए-आयन बैटरी की शक्ति को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने का भरोसा देती है, जैसा कि केम. कम्युनिटी पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में दिखाया गया है।

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