लखनऊ. उत्तर प्रदेश की गोल्डन गर्ल्स अन्नू रानी और पारुल चौधरी को डीएसपी पद पर नियुक्त किया जाएगा। एशियन गेम्स में दोनों ही खिलाड़ियों ने स्वर्ण पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से इस संबंध में घोषणा की गई है। दोनों खिलाड़ियों को तीन-तीन करोड़ की आर्थिक सहायता भी दी जाएगी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाले जो हमारे खिलाड़ी हैं, उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से तीन-तीन करोड़ की आर्थिक सहायता दी जाएगी। अन्नू रानी ने हांगझोऊ एशियाई खेलों में इतिहास रचते हुए भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण जीता था। वहीं, आखिरी दस सेकेंड में बाजी पलटकर जीत दर्ज करने वाली रेसर पारुल चौधरी ने इतिहास रचा है।
अन्नू रानी ने हागझोऊ एशियाड में भाला फेंक प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने अपने चौथे प्रयास में सीजन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए उन्होंने 62.92 मीटर भाला फेंका। इस पाइंट को कोई पार नहीं कर पाया और अन्नू रानी गोल्ड जीतने में कामयाब रहीं। वहीं, पारुल चौधरी ने चीन में भारत का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया था। 5000 मीटर महिलाओं की रेस में गोल्ड जीतकर इतिहास रचा था। लगातार पीछे चल रहीं पारुल चौधरी ने आखिरी के दस सेकेंड में पूरा जोर लगा दिया। विपक्षी खिलाड़ी को पीछे छोड़ते हुए गोल्ड जीतने में कामयाब रहीं। अब यूपी सरकार की ओर से उनके लिए यह घोषणा की गई है। सीएम योगी की इस घोषणा से खिलाड़ियों में जीत की भावना बढ़ेगी, ऐसा खिलाड़ियों का कहना है।
जल्द जारी होगा नियुक्ति पत्र
सीएम योगी की ओर से डीएसपी पद पर नौकरी और तीन-तीन करोड़ की आर्थिक सहायता के बारे में घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री कार्यालय की आधिकारिक साइट पर की गई घोषणा में सीएम योगी ने कहा है कि खिलाड़ियों को जल्द ही नियुक्ति पत्र जारी किया जाएगा। मेरठ की गोल्डन गर्ल्स के सम्मान में प्रशासनिक स्तर पर भी समारोह का आयोजन किया गया है। सोमवार को खिलाड़ियों को सम्मानित किए जाने का कार्यक्रम है। एशियन गेम्स में शामिल और पदक विजेताओं के सम्मान में कैलाश प्रकाश स्टेडियम में विशेष समारोह का आयोजन हो रहा है। डीएम सरकार की ओर से खिलाड़ियों का सम्मान करेंगे।
आलोचनाओं का करना पड़ा सामना
डीएसपी पद पर नियुक्ति की घोषणा पर पारुल चौधरी ने खुशी जताई। उन्होंने कहा कि यह अनोखा अनुभव होगा। अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए पारुल ने कहा कि अपनी तैयारी के दौरान मुझे बहुत आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। मेरे गांव के लोग सवाल करते थे कि खेल में करियर बनाने से मुझे क्या फायदा होगा? क्या डीएम बन जाओगी? आज उन्हें जवाब मिल गया होगा। उन्होंने कहा कि आज महिलाओं के घर से बाहर निकलकर अपने सपनों को पूरा करने के प्रयासों को लेकर लोगों का संदेह समाप्त हो गया है। पारुल ने कहा कि मुझे अपने गृह राज्य में पुलिस की वर्दी पहनने को मिलेगी। यह मेरा सपना रहा है।
पारुल चौधरी ने कहा कि स्पोर्ट्स को चुनते हुए मेरा प्राथमिक लक्ष्य देश का प्रतिनिधित्व करना था। पारुल ने कहा कि मैं 2022 में शुरू की गई यूपी की खेल नीति से अवगत थी। खेल नीति में यह निर्धारित किया गया है कि देश के लिए स्वर्ण जीतने वाले किसी भी एथलीट को सीधे सरकारी सेवा में शामिल होने का अवसर मिलेगा। एशियन गेम्स के अंतिम 30 मीटर में मैं जीत के प्रति आश्वस्त थी। डीएसपी रैंक की संभावना ने मुझे अपना भविष्य सुरक्षित करने के लिए अपनी सीमाओं से आगे बढ़कर प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि अभी मेरा ध्यान विश्व चैंपियनशिप के माध्यम से ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने पर है।
गन्ना फेंककर किया अभ्यास
अन्नू रानी ने कहा कि सरकार जमीन पर सहायता प्रदान कर रही है। ओलंपिक नजदीक आ रहा है। इसलिए मैं एक सप्ताह के भीतर अपना प्रशिक्षण फिर से शुरू करने की योजना बना रही हूं। हालांकि, स्थिति कभी इतनी अनुकूल नहीं थी। अन्नू और पारुल ने काफी संघर्षों के बाद यह मुकाम हासिल किया है। अन्नू के भाई उपेंद्र कहते हैं कि हमारे पास संसाधनों की कमी थी। अन्नू भाला फेंक खेल में किस्मत आजमाना चाहती थी, लेकिन जैवलिन काफी महंगा आता है। ऐसे में अन्नू ने खेतों में गन्ने के साथ प्रैक्टिस की। एशियाई खेलों में सोने पर निशाना लगाया। आगे वह ओलंपिक में भी बेहतर प्रदर्शन करे, इसकी उम्मीद होगी।
साभार : नवभारत टाइम्स
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