नई दिल्ली (मा.स.स.). केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने ‘संपूर्ण भारत में 250 आदर्श ग्राम पंचायत कलस्टर बनाने की परियोजना’ पर प्रगति की समीक्षा के लिए नई दिल्ली में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित बैठक की अध्यक्षता की तथा राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडी और पीआर) के युवा फेलो (वाईएफ) और 250 आदर्श ग्राम पंचायत समूहों के राज्य परियोजना समन्वयकों (एसपीसी) के साथ बातचीत की। बैठक में पंचायती राज मंत्रालय के सचिव सुनील कुमार, एनआईआरडीएंडपीआर के महानिदेशक डॉक्टर जी. नरेन्द्र कुमार, पंचायती राज मंत्रालय के अपर सचिव डॉक्टर चंद्रशेखर कुमार और पंचायती राज मंत्रालय के संयुक्त सचिव विकास आनन्द ने भाग लिया। इसमें युवा फेलो सहित 210 प्रतिभागी वर्चुअल मोड में बैठक में शामिल हुए।
गिरिराज सिंह ने इस अवसर पर ‘संपूर्ण भारत में 250 आदर्श ग्राम पंचायत कलस्टर बनाने की परियोजना’ के अंतर्गत शामिल ग्राम पंचायतों का समग्र विकास सुनिश्चित करते हुए आदर्श ग्राम पंचायतों के विकास पर बल दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि दूरवर्ती क्षेत्रों में काम करने वाले युवा फेलो को सामुदायिक भागीदारी के साथ एक उदाहरण स्थापित करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पहले से कहीं अधिक बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो और छात्र बीच में स्कूल न छोड़े। युवा फेलो ग्राम पंचायतों में सतत विकास लक्ष्यों (एलएसडीजी) को स्थानीय बनाने के अंतर्गत विभिन्न विषयगत क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। केंद्रीय मंत्री ने उपलब्ध संसाधनों के अधिकतम उपयोग तथा इन आदर्श ग्राम पंचायतों के गरीबी उन्मूलन और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सभी हितधारकों के समन्वय से मिशन मोड में ग्राम पंचायतों में लागू की गई विभिन्न योजनाओं की परिपूर्णता प्राप्त करने के लिए रणनीति पर काम करने की आवश्यकता बताई।
उन्होंने सभी युवा फेलो को ‘शिक्षा युक्त पंचायत’, ‘जेंडर रोजगार युक्त पंचायत’, ‘स्वच्छता युक्त पंचायत’, ‘हरित पंचायत’, ‘स्वस्थ पंचायत’ और ‘आत्मनिर्भर पंचायत’ की प्राप्ति के लिए समुदाय की प्रत्यक्ष भागीदारी से 6 ग्राम सभाओं को संचालित करने का निर्देश दिया। एनआईआरडी और पीआर को सभी युवा फेलो की सक्रिय भागीदारी के साथ एक दिवसीय राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला आयोजित करने तथा परियोजना के अंतर्गत कवर की गई ग्राम पंचायतों में प्रगति और उपलब्धियों की समीक्षा के लिए निगरानी-बोर्ड विकसित करने का सुझाव दिया गया। केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री ने ग्राम पंचायत विकास योजनाओं (जीपीडीपी) के महत्व को बताया और पंचायतों के सर्वांगिण विकास के लिए प्रासंगिक मानकों का उपयोग करते हुए एक प्रभावी समग्र योजना तैयार करने के लिए युवा फेलो को प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक ग्राम पचांयत को एलएसडीजी के अंतर्गत एक या अधिक विषयगत क्षेत्रों यानी स्वच्छ एवं हरित गांव, स्वस्थ गांव, जल पर्याप्त गांव, महिला अनुकूल गांव, बाल अनुकूल गांव आदि में पूर्णता प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए।
बैठक में मुख्य रूप से भविष्य की रणनीतियों तथा चुनौतियों को दूर करने और पूरे देश में आदर्श ग्राम पंचायतें बनाने की दिशा में उपलब्ध संसाधनों के समूचित उपयोग पर चर्चा हुई। सीपीआरडीपी और एसएसडी, एनआईआरडी और पीआर के फैकल्टी और प्रमुख डॉक्टर अंजन कुमार भांजा ने प्रारंभ में ’संपूर्ण भारत में 250 आदर्श ग्राम पंचायत बनाने की परियोजना’ के अंतर्गत विभिन्न पहलुओं और प्रगति पर प्रस्तुति दी।” सुपूनम खत्री, उत्तर प्रदेश, सुसुमन खटिक, गुजरात, सुज्योतिस्मिता डेका, असम, आदित्य इंग्ले, महाराष्ट्र, सुचित्रांशी धामी, उत्तराखंड, सुअंगिता कुमारी, बिहार, सुऋचा मित्रा, पश्चिम बंगाल, सुसपना शर्मा, हिमाचल प्रदेश, श्रीकृष्ण मधासिया, मध्यप्रदेश और गणेश सिंह, उत्तराखंड ने जमीनी स्तर के अपने अनुभव साझा किए।
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