जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनावों को लेकर हलचल तेज हो गई है। बीजेपी ने भी गुरुवार को स्टेट इलेक्शन मैनेजमेंट और मेनिफेस्टो कमेटी का गठन किया। पार्टी ने किसी भी कमेटी में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को जगह न देकर चौंका दिया है। बीजेपी की ओर से इलेक्शन कमेटियों के नामों की घोषणा को लेकर गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। इसमें प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह और प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी दोनों मौजूद थे।
दोनों पदाधिकारियों की ओर से बताया गया कि इस बार मेनिफेस्टो कमेटी को संकल्प पत्र नाम दिया गया है। प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद नारायण पंचारिया को चुनाव प्रबंधन समिति और केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को स्टेट मेनिफेस्टो कमेटी का संयोजक बनाया गया है। उधर, वसुंधरा राजे की चुनाव में भूमिका के सवाल पर प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी ने कहा कि पार्टी में कई वरिष्ठ नेता हैं, वे पार्टी के लिए प्रचार करेंगे। अभी कैंपेन कमेटी के संयोजक और उसके सदस्यों की घोषणा होना बाकी है।
प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति में 21 नेताओं को जगह
प्रदेश में विधानसभा चुनाव को देखते हुए चुनाव प्रबंधन समिति में 21 नेताओं को जगह दी गई है। इसमें 1 संयोजक, 6 सह संयोजक और 14 सदस्य बनाए गए हैं। इसमें नारायण पंचारिया को संयोजक, पूर्व प्रदेश महामंत्री ओंकार सिंह लखावत, सांसद राज्यवर्द्धन राठौड़, प्रदेश महामंत्री भजनलाल शर्मा, प्रदेश महामंत्री दामोदर अग्रवाल, पूर्व राज्य सूचना आयुक्त सीएम मीणा और कन्हैयालाल बैरवाल को सह संयोजक बनाया गया है।
प्रदेश संकल्प पत्र समिति में 25 नेताओं को किया शामिल
विधानसभा चुनाव के लिए तैयार होने वाले घोषणा पत्र के लिए बीजेपी ने प्रदेश संकल्प पत्र (मेनिफेस्टो) समिति का गठन किया है। इस कमेटी में 1 संयोजक, 7 सह संयोजक और 17 सदस्य बनाए गए हैं। इस कमेटी की जिम्मेदारी केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल संभालेंगे। उन्हें संयोजक बनाया गया है। वहीं, उनके साथ राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी, राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा, राष्ट्रीय मंत्री अल्का सिंह गुर्जर, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राव राजेंद्र सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष मेहरिया, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रभुलाल सैनी और पार्षद राखी राठौड़ को कमेटी में सह-संयोजक बनाया गया है।
दो में नहीं मिली जगह, तीसरी कमेटी की घोषणा बाकी
चुनाव के मद्देनजर तीन समितियां अहम होती हैं। इनमें से दो समितियों में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को जगह नहीं दी गई है। उनके किसी समर्थक को भी इसमें जगह नहीं मिली है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वसुंधरा राजे को राजस्थान से पूरी तरह से दूर रखा जाएगा?अभी कैंपेन कमेटी की घोषणा होना बाकी है। ऐसे में वसुंधरा समर्थकों की निगाह उसी पर लगी है। गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैंपेन कमेटी के संयोजक थे। आमतौर पर कैंपेन कमेटी का संयोजक अथवा अध्यक्ष जिसे बनाया जाता है, उसे चुनाव में पार्टी का आधिकारिक चेहरा माना जाता है। इधर, बीजेपी प्रदेश कार्यालय में दोपहर बाद बीजेपी कोर कमेटी की बैठक शुरू हुई। बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल नहीं पहुंचे।
साभार : दैनिक भास्कर
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं