बेंगलुरु. कर्नाटक में शनिवार को सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। डीके शिवकुमार डिप्टी CM बनाए गए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे समेत 8 मंत्रियों को भी राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने शपथ दिलाई। कार्यक्रम के आखिरी में राहुल गांधी मंच पर आए और कहा- हमने 5 वादे किए थे, वो कैबिनेट की पहली मीटिंग में ही पूरे कर दिए जाएंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी CM विधानसभा पहुंचे और कैबिनेट की मीटिंग की। राहुल ने जिन पांच वादों की बात कही थी, उस पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी। सिद्धारमैया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया- कैबिनेट ने आदेश दे दिया है। हफ्ते भर में अगली मीटिंग होगी, उसमें इन पांचों गारंटियों को लागू कर दिया जाएगा।
चार कैबिनेट और चार राज्य मंत्री
कर्नाटक की नई सरकार में डीके शिवकुमार ने इकलौते डिप्टी CM के तौर पर शपथ ली। कर्नाटक में डॉ जी परमेश्वर, केएच मुनियप्पा, केजे जॉर्ज और एमबी पाटिल को कैबिनेट मंत्री बनाया गया। सतीश जारकीहोली, प्रियांक खड़गे (मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे), रामालिंगा रेड्डी और जमीर अहमद खान ने राज्यमंत्री के तौर पर शपथ ली।
8 में सबसे ज्यादा 3 मंत्री SC, साउथ कर्नाटक को तवज्जो
पहली कैबिनेट में नॉर्थ कर्नाटक की जगह साउथ कर्नाटक को तवज्जो दी गई है। साउथ कर्नाटक से 5 मंत्री हैं, जबकि नॉर्थ से सिर्फ 3 हैं। वहीं, 8 में से सबसे ज्यादा 3 मंत्री SC से हैं। बाकी समुदाय से भी मंत्री बनाकर कांग्रेस ने सोशल इंजीनियरिंग की है। CM कुरुबा से तो डिप्टी CM डीके शिवकुमार वोक्कालिगा समुदाय से हैं। इनके अलावा, डॉ जी परमेश्वर, केएच मुनियप्पा, प्रियांक खड़गे SC से हैं। सतीश जारकीहोली ST, एमबी पाटिल लिंगायत कम्युनिटी, केजी जॉर्ज क्रिश्चियन, जमीर अहमद खान मुस्लिम और रामालिंगा रेड्डी रेड्डी समुदाय से हैं।
सिद्धारमैया और डीके गुट के विधायक बाद में मंत्री बनेंगे
कर्नाटक कैबिनेट में कुल 34 मंत्रियों को शामिल किया जाना है। अभी सिर्फ 8 को शामिल किया गया है। जिन मंत्रियों ने आज CM सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के साथ शपथ ली, वे कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे और आलाकमान के सीधे संपर्क में हैं। यही वजह है कि इनके मंत्री बनाने में कोई दिक्कत नहीं हुई। सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार गुट के जिन विधायकों को मंत्री बनाया जाना है, उनके आलाकमान से सीधे कनेक्शन नहीं हैं, इसलिए उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करने पर चर्चा होगी। इसके लिए CM और डिप्टी CM आज शाम ही दोबारा दिल्ली जा सकते हैं।
2023 की विपक्षी एकता: 9 विपक्षी पार्टियों के नेता पहुंचे
शपथ ग्रहण में नौ विपक्षी पार्टियों के नेता मौजूद रहे। इनमें महबूबा मुफ्ती (PDP), नीतीश कुमार (JDU), तेजस्वी यादव (RJD), डी राजा और सीताराम येचुरी (लेफ्ट), एमके स्टालिन (DMK), शरद पवार (NCP), फारूख अब्दुल्ला (नेशनल कॉन्फ्रेंस), कमल हासन (मक्कल नीधि माईम) शामिल हैं। इनके अलावा, कांग्रेंस से राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, कमलनाथ और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल भी मौजूद रहे। हालांकि, सोनिया गांधी नहीं पहुंचीं।
कर्नाटक कांग्रेस ने शपथ समारोह के लिए जिन्हें न्योता नहीं दिया, उनमें भाजपा, अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP), ओडिशा के CM नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल (BJD), तेलंगाना के CM के चंद्रशेखर राव की पार्टी भारत राष्ट्र समिति (BRS), आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री YS जगनमोहन रेड्डी की पार्टी (YSR कांग्रेस), केरल के CM पी विजयन शामिल हैं।
2018 की विपक्षी एकता: सोनिया, मायावती, अखिलेश पहुंचे थे
2018 में कांग्रेस-JDS की गठबंधन की सरकार के शपथ ग्रहण में भी विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए थे। तब JDS के एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बनाए गए थे। समारोह में समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, RJD से तेजस्वी यादव, CPI(M) के सीताराम येचुरी, NCP के शरद पवार, RLD के अजित सिंह शामिल हुए थे।
नतीजों के 6 दिन बाद कर्नाटक में सरकार बनी
13 मई को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे। कांग्रेस ने 224 सीटों में से 135, BJP ने 66 और JDS ने 19 सीटों पर जीत हासिल की थी। नतीजे आने के बाद कांग्रेस में CM पद को लेकर पांच दिन तक मंथन चलता रहा। सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच दावेदारी थी। आलाकमान ने सिद्धारमैया को चुना। डीके को सोनिया गांधी ने डिप्टी CM के लिए मनाया।
पांच दिन की मान-मनौव्वल के बाद माने थे डीके
पिछले शनिवार को हुई मतगणना में कर्नाटक की 224 सीटों में से कांग्रेस को 135, भाजपा को 66, जनता दल एस को 19 और अन्य को 4 सीट मिली थीं। बहुमत मिलने के बाद कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार के समर्थक उनको मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे। लेकिन, कांग्रेस की पसंद सिद्धारमैया थे।
पांच दिन की मान-मनौव्वल और सोनिया गांधी के हस्तक्षेप के बाद कर्नाटक CM पद के लिए अड़े डीके शिवकुमार आखिरकार मान गए। तय हुआ कि सिद्धारमैया कर्नाटक के CM और डीके शिवकुमार डिप्टी CM होंगे। गुरुवार रात बेंगलुरु में हुई विधायक दल की बैठक में सिद्धारमैया को विधायक दल का नेता भी चुन लिया गया।
लोकसभा चुनाव के बाद डीके CM बनेंगे
शिवकुमार 50-50 फॉर्मूले पर राजी हुए हैं। पहले ढाई साल सिद्धारमैया CM रहेंगे और बाद के ढाई साल डीके। यानी डीके लोकसभा चुनाव के बाद 2025 में मुख्यमंत्री बनेंगे। हालांकि तब कर्नाटक का कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा, इसका नाम अभी तय नहीं है।
साभार : दैनिक भास्कर
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