नई दिल्ली. एयर इंडिया को उड़ाने की धमकी के मामले में प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस के आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ नई एफआईआर दर्ज की गई है। पन्नू के खिलाफ आईपीसी के साथ-साथ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून की आतंकवाद से संबंधित विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। एनआईए इसके पहले पन्नू के खिलाफ 2019 में आतंकी गतिविधियों के आरोप में केस दर्ज कर चुकी है और सितंबर 2023 में अमृतसर और चंडीगढ़ स्थित उसकी संपत्तियों को भी जब्त कर चुकी है।
क्या है पूरा मामला?
ताजा मामला चार नवंबर को जारी वीडियो के सिलसिले में है, जिसमें पन्नू ने एयर इंडिया को 19 नवंबर या उसके बाद उड़ाने की धमकी देते हुए सिखों को उसमें यात्रा करने से बचने की सलाह दी थी। यही नहीं, उसने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को भी निशाना बनाने की धमकी थी। एयर इंडिया को उड़ाने की धमकी के भारत सहित उन देशों में भी हाई एलर्ट घोषित कर दिया गया था, जहां-जहां से एयर इंडिया उड़ानें भरती हैं। कनाडा ने इस मामले में जांच का भी एलान किया था।
सुरक्षा एजेंसियां पन्नू की धमकी को पंजाब में खालिस्तानी आतंकवाद को दोबारा पनपाने की साजिश के रूप में देख रही हैं। एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एफआईआर में पन्नू के खिलाफ भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियां चलाने के साथ-साथ सिखों को भड़काने, उनके बीच आपसी वैमस्य पैदा करने और अन्य समुदायों में भय का वातावरण तैयार करने के आरोप लगाए गए हैं।
NIA ने घोषित किया था भगोड़ा
एफआईआर में पन्नू की पुरानी धमकियों का भी उल्लेख है, जिसमें उसने रेलवे सहित भारत की जरूरी यातायात नेटवर्क प्रणाली और थर्मल पावर प्लांट पर हमले की धमकी दी थी। ध्यान देने की बात है कि पुराने मामले में एनआईए की विशेष अदालत ने तीन फरवरी, 2021 को पन्नू के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था और 29 नवंबर, 2022 को भगोड़ा घोषित कर दिया था।
भारत सरकार ने पन्नू को एक जुलाई 2020 को व्यक्तिगत आतंकवादी की सूची में शामिल किया था। सिख फॉर जस्टिस को जुलाई 2019 में ही आतंकी संगठन घोषित कर दिया गया था।
साभार : दैनिक जागरण
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