लखनऊ. “मोदी मित्र” की बैठक कल दारुल उलूम देवबंद में होगी. इसमें मोदी मित्रों को सर्टिफिकेट बांटा जाएगा और केंद्र सरकार के लाभार्थियों से संवाद किया जाएगा. अब आपको बताते हैं कि ये ‘मोदी मित्र’ कौन लोग हैं, जिनको बीजेपी से सर्टिफिकेट बांटा जा रहा है. दरअसल मोदी मित्र वो लोग बनाए जा रहे हैं, जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से भी किसी पार्टी या दल से नहीं जुड़े हुए हैं. लेकिन अल्पसंख्यक समाज के लोग अपनी राय या धारणा किसी न किसी पार्टी, दल या नेता के पक्ष में रखते हैं.
अल्पसंख्यक समाज के ऐसे ही लोगों को बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा द्वारा खोज कर “मोदी मित्र” बनाना होता है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामकाज से प्रभावित हों, ऐसे लोग जो पीएम मोदी के कार्यशैली, उनकी किसी नीति या किसी भी तरह से सकारात्मक सोच रखते हों. ऐसे लोगों को चिन्हित कर बीजेपी माइनॉरिटी मोर्चा उनको कमल मित्र सर्टिफिकेट देती है और उनसे रेगुलर संपर्क में रहती है. यहां तक की उनके सुझावों को पार्टी आलाकमान तक पहुंचाती है.
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बीजेपी 3.25 लाख मोदी मित्र बनाने जा रही है. इसके लिए फिलहाल देश के चुनिंदा 65 लोकसभा क्षेत्रों में बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा द्वारा काम किया जा रहा है, जहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 30 फीसदी से ज्यादा है. बीजेपी ने इसके लिए हरेक विधानसभा में 5000 मोदी मित्र बनाने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए देश के 65 लोकसभा क्षेत्रों में आने वाले हरेक विधानसभा क्षेत्र में 1 प्रभारी और 30 सहप्रभारी नियुक्त किए गए हैं.
विधानसभा में नियुक्त सभी 30 सहप्रभारियों को 25 “मोदी मित्र” बनाने का जिम्मा सौंपा गया है. इस तरह से हरेक विधानसभा क्षेत्र में (30×25) 750 मोदी मित्र को सर्टिफिकेट दिया जाएगा. इस तरह से हरेक लोकसभा क्षेत्र में एवरेज 6 से 7 विधानसभा क्षेत्र आते हैं लिहाजा (750×7=5200) बीजेपी के मुताबिक एवरेज 5000 मोदी मित्र प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में सर्टिफाइड होंगे. 65 अल्पसंख्यक बहुल लोकसभा क्षेत्रों में 5000 मोदी मित्रों को जोड़े तो करीब 3.25 लाख “मोदी मित्र” देश के इन लोकसभा क्षेत्रों में खड़े किए जा रहे हैं.
साभार : टीवी9 भारतवर्ष
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