अहमदाबाद. गुजरात के स्कूलों में अगले सत्र श्रीमद्भगवद्गीता पढ़ाई जाएगी। गीता जयंती के मौके पर राज्य के शिक्ष राज्य मंत्री प्रफुल पानशेरिया ने इसका ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि अगले शैक्षणिक सत्र से कक्षा 6 से आठ के छात्रों को गीता पढ़ाई जाएगी। पानशेरिया ने कहा श्रीमद्भगवद्गीता पढ़ने से छात्रों को बहुत लाभ मिलेगा। उनका नजरिया बदलेगा। पानशेरिया ने कक्षा छह से लेकर आठवीं तक की पुस्तकों को भी लांच किया है। उन्होंने ब्रह्मांड से लेकर पर्यावरण के बारे में भगवान कृष्णा की बातों को शिक्षाओं को छात्र जान पाएंगे।
विद्यार्थियों पर पड़ेगा अच्छा प्रभाव
पानशेरिया ने कक्षा से आठवीं तक की पुस्तकों को लांच करते हुए कहा कि छोटी उम्र में मिलने वाली शिक्षा जीवन पर्यंत याद रहती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति महात्मा जब छोटे थे तो उन्होंने एक राजा हरिशचंद्र का एक नाटक देखा था। इस नाटक का उनके जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा। उन्होंने सत्य को अपनाया और उसे ही अपना हथियार बना लिया। पानशेरिया ने कहा कि सनातन हिंदू धर्म का सबसे महान ग्रंथ ‘श्रीमद्भगवत गीता’ हमारे संपूर्ण जीवन का सार है। जिसमें अध्यात्म, प्रबंधन, नेतृत्व, रचनात्मकता, संस्कार और कर्म उत्कृष्टता का विवेक ही श्रेष्ठ समाज के निर्माण के अनूठे हथियार हैं। भगवत गीता के उपदेश आज भी प्रासंगिक हैं।
जीवन में मिलेगा लाभ
पानशेरिया ने कहा कि कर्तव्य, कर्म और सांसारिक जीवन की महत्ता का संदेश देने वाली गीता जयंती की अनंत शुभकामनाएं देते हुए मुझे खुशी है कि छात्र गीता का पाठ पढेंगे और अपने जीवन में कठिनाईयों से हार नहीं मानकर ऊंचे लक्ष्यों को हासिल करेंगे। पानशेरिया ने कहा कि गीता के पाठ से छात्रों को बहुत लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस पुस्तकों को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन से तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि किताबें देखने में छोटी लग रही हैं लेकिन काफी उपयोगी शिक्षाएं दी गई हैं। कक्षा छठवी से आठवीं कक्षा की इन पुस्तकों को शिक्षा विभाग ने तैयार किया है।
साभार : नवभारत टाइम्स
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