मुंबई (मा.स.स.). केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड ने आज बैंकरों से कहा कि वे बैंकिंग सुविधा से वंचित लोगों को बैंकिंग सुविधा प्रदान करने, असुरक्षित को सुरक्षित बनाने और बिना वित्तपोषण वाले का वित्तपोषण करने की दिशा में काम करने पर ध्यान दें। वे आज सतारा में पश्चिमी महाराष्ट्र के वित्तीय समावेशन मानदंडों पर समीक्षा बैठक में बोल रहे थे।
डॉ. भागवत कराड ने यह भी कहा कि पीएम स्वनिधि योजना के तहत जरूरतमंद लोगों को कॉलेटरल या सिबिल स्कोर की शर्त के बिना छोटे ऋण दिए जाते हैं। उन्होंने इस अवसर पर ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधा बढ़ाने के लिए कहा। उन्होंने बैंकों को ऋण वितरण के लिए प्रतीक्षा अवधि को कम करने का निर्देश दिया। डॉ. कराड ने कहा कि महाराष्ट्र जैसे विकसित राज्य में भी ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक शाखाओं की संख्या बढ़ाने की गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि बैंकों को उस लक्ष्य की दिशा में काम करने की जरूरत है।
डॉ. कराड ने कहा कि पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनने के हमारे लक्ष्य में बैंकिंग क्षेत्र एक बड़ा स्तंभ है। डॉ. कराड ने यह भी कहा कि नए मतदाताओं के बैंक खाते खोलकर उन्हें बैंकिंग क्षेत्र में शामिल किया जाना चाहिए और इसके लिए विशेष शिविरों की व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने सभी के विकास के लिए बैंकिंग क्षेत्र के बीच प्रतिस्पर्धा की भावना को आत्मसात करने का सुझाव दिया। इस अवसर पर डॉ. कराड ने वित्तीय समावेशन मापदंडों पर कोल्हापुर जिले द्वारा हासिल किए गए समग्र कार्यनिष्पादन की सराहना की। डॉ. भागवत कराड ने यह भी कहा कि स्वनिधि जैसी योजनाओं के मामले में महाराष्ट्र ने राष्ट्रीय औसत से बेहतर निष्पादन किया है। हालांकि, मुद्रा योजना में निष्पादन में सुधार की गुंजाइश है, जहां महाराष्ट्र राष्ट्रीय औसत से पीछे है।
इस अवसर पर, डॉ. भागवत कराड ने पश्चिमी महाराष्ट्र क्षेत्र में नाबार्ड के कार्यनिष्पादन की समीक्षा भी की। इस अवसर पर सांसद जयसिद्धेश्वर शिवाचार्य महास्वामीजी, सांसद श्रीनिवास पाटिल, विधायक जयकुमार गोरे सहित विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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