सोमवार, दिसंबर 15 2025 | 07:39:50 PM
Breaking News
Home / व्यापार / पीयूष गोयल ने हस्तशिल्प और हथकरघा क्षेत्र के लिए ई-कॉमर्स पोर्टल किया लांच

पीयूष गोयल ने हस्तशिल्प और हथकरघा क्षेत्र के लिए ई-कॉमर्स पोर्टल किया लांच

Follow us on:

नई दिल्ली (मा.स.स.). वस्‍त्र मंत्रालय ने बिचौलियों की भूमिका समाप्‍त करते हुए 35 लाख से अधिक हथकरघा बुनकरों और 27 लाख हस्तशिल्प कारीगरों के उत्पाद सीधे उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराने के लिए हस्तशिल्प और हथकरघा क्षेत्र के लिए ई-कॉमर्स पोर्टल बनाया है। केंद्रीय वस्‍त्र, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण तथा वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुजरात में पोर्टल लॉन्च किया।इस वर्चुअल भारतीय स्टोर के माध्‍यम से कारीगरों को कीमतों में हेरफेर करने वाले बिचौलियों के बिना उचित पारिश्रमिक मिलेगा। शहर में रहने वाले खरीददार सीधे शत-प्रतिशत प्रामाणिक और सर्वोत्तम हस्तशिल्प उत्पाद खरीद सकेंगे।

भारतीय हस्‍तनिर्मित पोर्टल – वस्‍त्र, गृह सज्जा, आभूषणों अन्‍य साजों सामान सहित उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। इसके सभी उत्पाद कुशल कारीगरों द्वारा हस्तनिर्मित हैं। ये भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करते हैं। पोर्टल पर बेचे जाने वाले कई उत्पाद पर्यावरण अनुकूल और टिकाऊ सामग्री का उपयोग करके बनाए गए हैं। यह पर्यावरण हितैषी लोगों के लिए बेहतरीन विकल्‍प है। यह भारत में हस्तनिर्मित सभी वस्‍तुओं के लिए वन-स्टॉप-शॉप है और भारतीय कारीगरों और उनके शिल्प को खोजने और उनका समर्थन करने का उत्‍कृष्‍ट माध्‍यम है।

पोर्टल कुल 62 लाख बुनकरों और कारीगरों को भविष्य के ई-उद्यमी बनने का अवसर भी प्रदान करेगा। भारत अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और पारंपरिक शिल्प के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पाद शामिल हैं। हथकरघा हाथ से संचालित करघे का उपयोग करके कपड़ा बुनने की प्रक्रिया है, जबकि हस्तशिल्प पारंपरिक तकनीकों का उपयोग करके कुशल कारीगरों द्वारा बनाई गई वस्तुएं हैं।

पोर्टल की कुछ मुख्य विशेषताएं हैं:

  • एक प्रामाणिक भारतीय हथकरघा और हस्तकला वर्चुअल स्टोर
  • भारतीय कालातीत विरासत की सुगंध
  • बाधारहित खरीदारी के लिए वापसी विकल्पों के साथ मुफ़्त शिपिंग
  • सुचारु लेनदेन अनुभव के लिए सुरक्षित और भुगतान के लिए कई विकल्‍प
  • इस पोर्टल पर विविध प्रकार के प्रामाणिक विक्रेता पंजीकृत हो सकते हैं, जैसे कारीगर, बुनकर, निर्माता कंपनियां, स्‍वयं सहायता समूह, सहकारी समितियां आदि।
  • विक्रेताओं को कमीशन रहित पूर्ण लाभ
  • बिचौलियों का कोई हस्तक्षेप नहीं जिससे भारतीय शिल्पकारों की क्षीण स्थिति में सुधार सुनिश्चित हो सके
  • सुचारु ऑर्डर प्रोसेसिंग के लिए कई लॉजिस्टिक पार्टनर्स के साथ एकीकरण
  • “व्यापार करने में आसानी” सुनिश्चित करने के लिए पंजीकरण से ऑर्डर पूरा होने तक विक्रेताओं की मुफ्त सहायता।
  • कारीगरों/बुनकरों को एक साझा मंच के माध्यम से सीधे खरीदारों से जोड़ा जाएगा।
  • टोल फ्री ग्राहक सहायता – 18001-216-216

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://www.amazon.in/dp/9392581181/

https://www.flipkart.com/bharat-1857-se-1957-itihas-par-ek-drishti/p/itmcae8defbfefaf?pid=9789392581182

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

सप्ताह के दौरान सोना वायदा में 2391 रुपये और चांदी वायदा में 20804 रुपये का ऊछालः क्रूड ऑयल वायदा 204 रुपये फिसला

कमोडिटी वायदाओं में 359185.31 करोड़ रुपये और कमोडिटी ऑप्शंस में 1803312.3 करोड़ रुपये का दर्ज …