बेंगलुरु. कर्नाटक की नई कांग्रेस सरकार (Karnataka Congress Government) राज्य में हिजाब पर लगे प्रतिबंध (Karnataka Hijab Ban) को हटाने के लिए पूरी तरह तैयार है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नई सरकार मंत्रिमंडल विस्तार को पूरा करने का इंतजार कर रही है। 10 मई के विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार करते हुए कांग्रेस, खासतौर से कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार (Dk shivakumar) ने इस बात ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि राज्य में पार्टी के सत्ता में आने के बाद पिछली बीजेपी सरकार की ओर से हिजाब पर प्रतिबंध और सांप्रदायिक आधार पर बनाए गए सभी कानूनों को वापस ले लिया जाएगा।
कर्नाटक में हिजाब प्रतिबंध पर एमनेस्टी इंटरनेशनल की बढ़ती चिंता के बारे में पूछे जाने पर उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि मैं हिजाब के मामले पर टिप्पणी नहीं करना चाहता क्योंकि यह एक नीतिगत मामला है। हालांकि, कैबिनेट मंत्री प्रियांक खरगे ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस हिजाब, हलाल कट और गोहत्या कानूनों पर प्रतिबंध वापस लेगी। सूत्रों ने दावा किया कि पार्टी इन कानूनों को वापस लेने के लिए पूरी तरह तैयार है। इसमें पिछली बीजेपी सरकार की ओर से लाया गया धर्मांतरण विरोधी कानून भी शामिल है। कनकपुरा कस्बे के पास कपालबेट्टा में 114 फीट ऊंची ईसा मसीह की प्रतिमा के निर्माण पर जल्द निर्णय लिया जाएगा।
उडुपी प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज की छह छात्राओं की ओर से शुरू किया गया हिजाब विवाद पिछले साल राज्य में एक संकट बन गया था। हिजाब के बिना कक्षाओं में जाने से इनकार करने वाली छात्राओं का अभी भी कहना है कि वे सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले का इंतजार करेंगी। इस मुद्दे ने सांप्रदायिक रंग ले लिया था और इसके परिणामस्वरूप राज्य में बदले की भावना से हत्याएं हुईं थीं। इस मुद्दे ने वैश्विक आतंकवादी संगठन अल-कायदा का ध्यान खींचा था।
साभार : नवभारत टाइम्स
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