नई दिल्ली. कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य एके एंटनी की पत्नी एलिजाबेथ एंटनी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें वह अपने बड़े बेटे के भाजपा में शामिल होने को सही ठहराती नजर आ रही हैं। उनका कहना है कि उनके बेटे को प्रार्थनाओं के कारण राजनीति में नया अवसर मिला है।
निमंत्रण के बारे में पहले से जानती थीं
केरल के अलाप्पुझा के एक ईसाई रिट्रीट सेंटर क्रेपसनम मरियन श्राइन के एक हालिया समारोह में एलिजाबेथ ने यह खुलासा किया। इसका एक वीडियो ईसाई ध्यान केंद्र के यूट्यूब चैनल पर जारी किया गया, जो वायरल हो गया। वीडियो में एलिजाबेथ यह स्वीकार करती दिखीं कि वे अनिल एंटनी को भाजपा से मिले निमंत्रण के बारे में बहुत पहले से जानती थीं। एलिजाबेथ ने कहा कि प्रार्थनाओं के कारण अनिल का राजनीति में उदय हुआ है। उन्होंने कहा कि बेटे के भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी के प्रति तिरस्कार और घृणा कम हो गई है।
एंटनी ने संयम से स्वीकार किया
एलिजाबेथ ने दावा किया कि उनके बेटे को प्रार्थनाओं के कारण राजनीति में नया अवसर मिला। उन्होंने यह भी कहा कि एंटनी ने सेंट मैरी के आशीर्वाद के कारण शांत और संयम के साथ बेटे के भाजपा में जाने का फैसला स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि दोनों बेटे राजनीति में आना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस पार्टी के हालिया चिंतन शिविर में वंशवाद की राजनीति के खिलाफ पारित एक प्रस्ताव से झटका लगा था।
पति ने नहीं की कोशिश
उन्होंने कहा, ‘जब मैंने अपने बेटे के राजनीति में आने के लिए प्रार्थना की तो कांग्रेस के चिंतन शिविर ने परिवार की राजनीति के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया। मुझे एहसास हुआ कि मेरे बेटे राजनीति में प्रवेश नहीं कर सकते। मेरे पति ने बेटे को राजनीति में लाने की कोशिश नहीं की।’
पीएमओ से फोन आया
एके एंटनी की पत्नी ने कहा कि उन्होंने अपने बेटे के अच्छे भविष्य के लिए बहुत प्रार्थना की और तभी उन्हें अनिल का फोन आया। एलिजाबेथ ने वीडियो में कहा, ‘उसने मुझे फोन किया और कहा कि उसे प्रधानमंत्री कार्यालय से फोन आया है और उन्होंने उसे भाजपा में शामिल होने की बात कही है।’ एलिजाबेथ ने आगे कहा कि मेरे बेटे ने राजनीति में प्रवेश करने का सपना देखा था। वह 39 साल का हो गया है।
उन्होंने कहा, ‘यह मेरे पति के लिए एक झटका था। मुझे चिंता थी कि जब अनिल भाजपा में शामिल होने के बाद घर आएंगे तो क्या होगा। मैंने मैरी से प्रार्थना की कि वह घर में सब कुछ ठीक रखें और उन्होंने मेरी सुन भी ली। एंटनी ने शांति से इसे स्वीकार कर लिया।’ उन्होंने कहा कि एंटनी ने बाद में अपने बेटे के फैसले को स्वीकार किया और उससे कहा कि जब भी मन चाहे वह घर आ सकता है, लेकिन घर में राजनीति पर चर्चा नहीं होनी चाहिए।
साभार : अमर उजाला
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