नई दिल्ली. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को भारतीय वायुसेना के कमांडरों से बात की। इस दौरान उन्होंने वायुसेना से तेजी से बदलती भू-राजनीतिक स्थिति को देखते हुए एयर डिफेंस सिस्टम को मजबूत करने पर जोर दिया। रक्षा मंत्री ने कहा कि इन बदलती स्थितियों के बीच सेनाओं को अपनी परिचालन से जुड़ी तैयारियां भी मजबूत रखनी होंगी। देश में पहली बार आयोजित दो दिवसीय वायुसेना कमांडर्स कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राजनाथ ने कहा कि अधिकारियों को भारत के हवाई रक्षा प्रणालियों को मजबूत करने और ड्रोन्स के इस्तेमाल पर केंद्रित होना चाहिए। बताया गया है कि कमांडरों के बीच हमास-इस्राइल संघर्ष और रूस-यूक्रेन युद्ध में उपजी स्थितियों पर भी चर्चा हुई।
राजनाथ ने इस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मौजूदा वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य में कई नई चुनौतियां उभर रही हैं। हमें हमेशा इनसे निपटने के लिए तैयार रहना होगा।” इस बैठक में वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी की तरफ से भारत के पाकिस्तान और चीन से लगते बॉर्डर पर हवाई सुरक्षा के मुद्दे का भी विश्लेषण किया गया। अपने संबोधन में राजनाथ ने सेना के तीनों अंगों के बीच किसी ऑपरेशन के दौरान बेहतर समन्वय के अलावा साझा योजना बनाने पर जोर दिया। उन्होंने वायुसेना के कमांडरों से तेजी से बदलती भू-राजनीतिक स्थितियों को परखने को कहा और उन्हें भारतीय परिवेश के अनुसार विश्लेषण करने लागू करने की बात कही।
सिक्किम-हिमाचल में राहत-बचाव कार्य में भूमिका के लिए की तारीफ
रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, राजनाथ सिंह ने हाल ही में हिमाचल प्रदेश और सिक्किम में बाढ़ की वजह से पैदा हुई आपदा की स्थिति में राहत-बचाव कार्य के लिए वायुसेना की तरफ से उठाए गए कदमों की तारीफ की। उन्होंने यूपी के प्रयागराज में एयरफोर्स डे परेड के सफल आयोजन पर भी वायुसेना को बधाई दी। बताया गया है कि इस बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) अनिल चौहान भी मौजूद रहे।
साभार : अमर उजाला
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