शुक्रवार, नवंबर 15 2024 | 11:07:11 AM
Breaking News
Home / राष्ट्रीय / गैर जरुरी है चंद्रयान-3 के लैंडिंग प्वाइंट के नाम ‘शिव शक्ति’ पर विवाद : इसरो प्रमुख

गैर जरुरी है चंद्रयान-3 के लैंडिंग प्वाइंट के नाम ‘शिव शक्ति’ पर विवाद : इसरो प्रमुख

Follow us on:

कोच्चि. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चीफ एस सोमनाथ ने कहा कि चंद्रमा पर चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) के लैंडिंग प्वाइंट का नाम ‘शिव शक्ति’ (Shiv Shakti) रखने पर विवाद की कोई जरूरत नहीं है. क्योंकि पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने इस शब्द का अर्थ ऐसे ढंग से बताया है जो हर किसी को जंचता है. सोमनाथ ने तिरुवनंतपुरम के एक मंदिर में पूजा करने के बाद कहा कि ‘प्रधानमंत्री ने ‘शिव शक्ति’ पर जो स्पष्टीकरण दिया, उन्होंने इसे पुरुष और महिला के संयोजन, इसरो में महिलाओं के योगदान और संगठन में उस तरह के तालमेल बनाने की जरूरत के रूप में पेश किया. इसलिए उन्होंने इसका अर्थ बताया.’

इसरो चीफ सोमनाथ ने कहा कि ‘पीएम ने शब्द का इस तरह से उपयोग किया, जो हम सभी को जंचता है. उसके साथ कुछ भी गलत नहीं है. उन्होंने अगला नाम ‘तिरंगा’ भी दिया. ये दोनों ही भारतीय नाम हैं. देश का प्रधानमंत्री होने के नाते उन्हें यह नाम देने का उनका विशेषाधिकार है.’ गौरतलब है कि शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु में कहा था कि चंद्रमा पर जिस जगह पर चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग हुई थी, उसे ‘शिव शक्ति’ नाम दिया जाएगा और जिस स्थान पर चंद्रयान 2 दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, उसे ‘तिरंगा’ कहा जाएगा.

सोमनाथ ने मीडिया से यह भी कहा कि वैज्ञानिक उपलब्धियों के आधार पर चंद्रमा पर किसी जगह का नामकरण करने का विचार नया नहीं है और अन्य देशों ने भी अतीत में ऐसा किया है. उन्होंने कहा कि ‘पहले से ही चंद्रमा पर कई भारतीय नाम हैं. अन्य देशों के नाम भी हैं. हमारे पास चंद्रमा पर साराभाई क्रेटर है. जब देश वैज्ञानिक उपलब्धियां हासिल करते हैं, तो वे उन जगहों की पहचान करते हैं और उनका नामकरण करते हैं. यह एक परंपरा है.’ चंद्रयान-3 मिशन के सफल होने के बाद केरल की अपनी पहली यात्रा पर इसरो अध्यक्ष और उनकी टीम का शनिवार को तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर स्वागत किया गया. रविवार को सोमनाथ ने तिरुवनंतपुरम के वेंगनूर में पूर्णमिकवु भद्रकाली मंदिर में पूजा-अर्चना की.

उन्होंने कहा कि सूरज का अध्ययन करने के लिए अंतरिक्ष एजेंसी का मिशन आदित्य एल-1 सितंबर के पहले हफ्ते में लॉन्च होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष यान तैयार है और इसे पीएसएलवी रॉकेट के साथ फिट किया गया है. हीट शील्ड को इकट्ठा कर लिया गया है और अंतिम परीक्षण हो रहा है. चंद्रयान-3 मिशन के बारे में उन्होंने कहा कि लैंडर और रोवर के सभी हिस्से अब तक बिना किसी गड़बड़ी के सही ढंग से काम कर रहे हैं. रोवर अभी भी घूम रहा है और दो प्रयोग किए गए हैं. हमें इससे जो डेटा मिला है वह बहुत दिलचस्प है और यह दुनिया में पहली बार ऐसी जानकारी होगी.

साभार : न्यूज़18

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://www.amazon.in/dp/9392581181/

https://www.flipkart.com/bharat-1857-se-1957-itihas-par-ek-drishti/p/itmcae8defbfefaf?pid=9789392581182

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

10 राज्यों की 31 विधानसभा व वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुआ संपन्न

नई दिल्ली. झारखंड में पहले फेज की 43 सीटों के साथ ही 10 राज्यों की …