चंडीगढ़. पंजाब के 19 किसान-मजदूर संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर आज से 30 सितंबर तक रेल रोको आंदोलन शुरू कर दिया है। किसान पंजाब भर में रेलवे लाइनों पर बैठ गए हैं। रेलवे ट्रैक जाम होने के बाद दिल्ली से अमृतसर, पठानकोट से अमृतसर और पंजाब से चंडीगढ़ के रेलवे ट्रैक पर ट्रेनों का चक्का जाम हो गया है।
ट्रेनों का चक्का जाम होने के कारण सैकड़ों यात्री पंजाब के रेलवे स्टेशनों पर फंस गए हैं। करीब 25 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। गुरुवार सुबह ही किसान बड़ी गिनती में रेलवे लाइनों के पास इकट्ठा होना शुरू हो गए थे। किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने बताया कि किसान तीन दिन की पूरी तैयारी के साथ आए हैं। खाने-पीने व बैठने का पूरा इंतजाम हो चुका है और ट्रॉलियों में सोने के लिए गद्दे भी किसान साथ लेकर आए हैं।
17 जगहों पर ट्रैक पर बैठे किसान
19 जत्थेबंदियों ने 17 जगहों पर रेलवे ट्रैक जाम कर दिया है। इसमें मोगा रेलवे स्टेशन, अजीतवाल व डगरू, होशियारपुर, गुरदासपुर व डेरा बाबा नानक, जालंधर कैंट, तरनतारन, संगरूर के सुनाम, पटियाला के नाभा, फिरोजपुर के बसती टैंकां वाली व मल्लांवाला, बठिंडा के रामपुरा फूल, अमृतसर के देवीदासपुरा व मजीठा, फाजिल्का, मलेरकोटला के अहमदगढ़ में यह प्रदर्शन अगले तीन दिन तक जारी रहेगा।
हरियाणा के किसानों का मिला समर्थन
वहीं, हरियाणा के किसान नेता भी पंजाब के समर्थन में आ गए हैं। हरियाणा किसान नेताओं का कहना है कि हरियाणा में पैदल यात्रा पहले से चल रही है। अगर पंजाब में किसानों के साथ अन्याय हुआ या पुलिस ने कोई जोर-जबरदस्ती करने की कोशिश की तो हरियाणा के किसान भी पंजाब की तरफ कूच कर लेंगे। इसके बाद बड़ी गिनती में आंदोलन शुरू हो जाएगा। किसानों के आंदोलन को देखते रेल यातायात पर प्रभाव पड़ सकता है। जिन लोगों ने पहले ही ट्रेनों में टिकट बुकिंग करवा रखी है, उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। ट्रेनों में चलने वाले डेली पैसेंजर को बसों में सफर करना पड़ सकता है।
प्रति एकड़ 50 हजार मिले मुआवजा
किसानों का कहना है कि बाढ़ और बरसात से फसलों का भारी नुकसान हुआ है। बहुत सारे किसानों की न तो अभी तक गिरदावरी हुई है और न ही उन्हें मुआवजा मिला है। जिन्हें मिला भी है, वह बहुत कम है। किसान संगठनों का कहना है कि कम से कम प्रति एकड़ 50 हजार रुपए मुआवजा किसानों को दिया जाए। साथ ही केंद्र सरकार भी बाढ़ से हुए नुकसान के लिए 50 हजार करोड़ रुपए पंजाब को दे।
साभार : दैनिक भास्कर
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं