नई दिल्ली (मा.स.स.). मॉयल लिमिटेड के निदेशक मंडल ने 31 मार्च, 2023 को समाप्त हुई चौथी तिमाही और वित्तीय वर्ष के लिए वित्तीय परिणामों को मंजूरी दे दी है। वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में, मॉयल ने 4.02 लाख टन मैंगनीज अयस्क का उत्पादन किया, यह पिछले वर्ष की इसी अवधि (सीपीएलवाई) की तुलना में 7 प्रतिशत अधिक है। तिमाही के दौरान बिक्री बढ़कर 3.91 लाख टन हो गई, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 3 प्रतिशत अधिक है। इस तिमाही के दौरान इलेक्ट्रोलाइटिक मैंगनीज डाइऑक्साइड (ईएमडी) बिक्री राजस्व में सालाना आधार पर 48 प्रतिशत का सुधार हुआ।
वित्त वर्ष 2023 में मॉयल कंपनी ने अपनी स्थापना के बाद से दूसरा सर्वाधिक उत्पादन दर्ज किया। इस वर्ष मैंगनीज अयस्क की बिक्री 11.78 लाख टन रही, जो बाजार की स्थितियों के कारण वित्त वर्ष 2022 की तुलना में हल्की सी कम है। वित्त वर्ष 2023 के दौरान ईएमडी का बिक्री कारोबार भी एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया, जिसमें सीपीएलवाई से शत- प्रतिशत से भी अधिक की वृद्धि दर्ज की गई।कंपनी ने वित्त वर्ष 2023 में 245 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) हासिल किया, जो वर्ष के शुद्ध लाभ (पीएटी) के लगभग बराबर है। मॉयल ने वित्त वर्ष 2023 में 41,762 मीटर की सबसे अच्छी अन्वेषण कोर ड्रिलिंग की है जो पिछले 5 वर्षों में प्राप्त औसत अन्वेषण का 2.7 गुना है। यह न केवल अपनी मौजूदा खानों से बढ़े हुए उत्पादनों का आधार बनेगा, बल्कि देश में नई मैंगनीज खानों को खोलने की नींव के रूप में भी कार्य करेगा।
कंपनी ने वित्त वर्ष 2023 के दौरान 334.45 करोड़ रुपये और 250.59 करोड़ रुपये का कर पूर्व लाभ (पीबीटी) और कर पश्चात लाभ (पीएटी) अर्जित किया है। मॉयल द्वारा अनुशंसित वर्ष के लिए कुल लाभांश 3.69 रुपये प्रति शेयर है (3.00 रुपये प्रति शेयर के भुगतान किए गए अंतरिम लाभांश सहित)। इस अवसर पर मॉयल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अजीत कुमार सक्सेना ने बताया कि कंपनी उच्च विकास दर हासिल करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इसके लिए विशिष्ट योजनाएं पहले ही बनाई जा चुकी हैं। कंपनी वित्त वर्ष 2024 में दोहरे अंकों में उत्पादन वृद्धि के लक्ष्य के बारे में पूरी तरह आश्वस्त है।
मॉयल लिमिटेड भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक अनुसूची- मिनीरत्न श्रेणी-1 सीपीएसई है। मॉयल 45 प्रतिशत की बाजार हिस्सेदारी के साथ देश में मैंगनीज अयस्क का सबसे बड़ा उत्पादक है। यह महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश राज्य में ग्यारह खानों का संचालन कर रहा है। कंपनी ने 2030 तक अपना उत्पादन लगभग दोगुना करके 3.00 मिलियन टन तक पहुंचाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। मॉयल मध्य प्रदेश राज्य के अन्य क्षेत्रों के अलावा गुजरात, राजस्थान और ओडिशा राज्य में भी व्यावसायिक अवसरों की खोज कर रहा है।
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