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संतों ने अखिलेश से मिल की स्वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी से निकालने की मांग

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लखनऊ. अयोध्या के तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों से नाराज होकर पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने के लिए लखनऊ उनके घर पहुंचे। हालांकि घर के बाहर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक लिया जिस पर उन्होंने अखिलेश यादव तक अपना संदेश भेज दिया। मीडिया से बातचीत में महंत परमहंस ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य हिंदू धर्म को लेकर लगातार विवादित बयान दे रहे हैं। इससे हिंदुओं का बड़ा वर्ग आहत है। सभी धर्मों के मानने वाले लोग सपा का समर्थन करते हैं। ऐसे में धर्म को लेकर बयानबाजी करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी से निकाला जाए या फिर उनसे माफी मंगवाई जाए।

उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद की बयानबाजी से सपा को ही नुकसान होगा। स्वामी अपनी पार्टी बनाने में लगे हुए हैं। वो खुद भी सपा को छोड़ने वाले हैं। हमारी अखिलेश यादव से मांग है कि उन्हें पार्टी से निकाल दिया जाए वो लगातार सनातन धर्म को लेकर बयानबाजी करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि वह स्वामी प्रसाद पर कानून कार्रवाई को लेकर जल्द ही प्रार्थना पत्र देंगे। धार्मिक मुद्दों पर बयानबाजी को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद ने अपने बयान में कहा कि हिंदू धर्म सिर्फ एक धोखा है। उन्होंने ब्राह्मण समाज के साथ ही हिंदू धर्म को लेकर विवादित बयान देकर सियासी गलियारों में बहस का नया मुद्दा खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं, हिंदू धर्म सिर्फ धोखा है।

लखनऊ में आयोजित रामस्वरूप वर्मा जन्म शताब्दी समारोह ने उन्होंने कहा कि ब्राह्मणवाद की जड़ें बहुत गहरी है और सारी विषमता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है। सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर के इस देश के दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों को अपने धर्म के मकड़जाल में फंसाने की एक साजिश है। स्वामी प्रसाद ने कहा कि अगर हिंदू धर्म होता तो आदिवासियों का भी सम्मान होता है, दलितों का भी सम्मान होता, पिछड़ों का भी सम्मान होता लेकिन क्या विडंबना है कि दलितों का आज अपमान हो रहा है।

साभार : अमर उजाला

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