लखनऊ (मा.स.स.). प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि पेराई सत्र के दौरान संचालित चीनी मिलों के मिल गेट एवं वाह्य गन्ना क्रयकेन्द्रों पर गन्ना तौल कार्य पूरी पारदर्शिता के साथ कराये जाने एवं गन्ना घटतौली पर प्रभावी अंकुश लगाये जाने के उदे्श्य से चीनी मिलों के तौल लिपिकों का पाक्षिक स्थानान्तरण एस.जी.के. पोर्टल से लॉटरी द्वारा ऑनलाइन किये जाने की व्यवस्था विभाग में लागू की गयी है।
भूसरेड्डी ने बताया कि पेराई सत्र के समय घटतौली जैसे कपटपूर्ण तरीकों को अपनाकर गन्ना कृषकों के हितों को प्रभावित करने का प्रयास किया जाता है। ऐसा ही एक प्रकरण संज्ञान में आया है कि पेराई सत्र के दौरान संचालित चीनी मिलों के मिल गेट एवं वाह्य गन्ना क्रयकेन्द्रों पर तैनात मिल तौल लिपिकों द्वारा अपने स्वास्थ्य एवं पारिवारिक आदि कारणों से, स्थानान्तरित क्रयकेन्द्रों पर कार्यभार ग्रहण नहीं किया जाता है। इन चीनी मिलों के अध्यासियों द्वारा अपने स्तर से क्रयकेन्द्रों पर मिल तौल लिपिक की मैनुअल तैनाती करते हुए सम्बन्धित जिला गन्ना अधिकारी को पत्र के माध्यम से तैनाती के सम्बन्ध में सूचित कर दिया जाता है, इसी क्रम में यह भी संज्ञान में आया है कि कतिपय चीनी मिलों द्वारा मिल गेट एवं वाह्य गन्ना क्रयकेन्द्रों पर एस.जी.के. पोर्टल से लॉटरी द्वारा तैनात तौल लिपिक से वास्तविक गन्ना तौल का कार्य न करा कर उसके स्थान पर डमी तौल लिपिक से तौल कार्य लिया जाता है, जोकि इस कार्यालय द्वारा निर्गत दिशा-निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन है।
उपर्युक्त प्रचलित कुप्रथा पर अंकुश लगाने हेतु गन्ना आयुक्त ने निर्देश जारी किये हैं कि प्रत्येक पक्ष में एस.जी.के. के माध्यम से मिल तौल लिपिकों का स्थानान्तरण करने के साथ ही संचालित क्रयकेन्द्रों के सापेक्ष 10 प्रतिशत अतिरिक्त मिल तौल लिपिकों को आरक्षित रखा जाए। ताकि एस.जी.के. द्वारा किये गये पाक्षिक स्थानान्तरण के अनुरूप यदि किसी क्रयकेन्द्र पर स्थानान्तरित मिल तौल लिपिक द्वारा 02 दिवस में कार्यभार ग्रहण नही किया जाता है तो आरक्षित तौल लिपिकों में से एस.जी.के. सिस्टम से सम्बन्धित क्रयकेन्द्र पर तैनाती की जाये।
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