नई दिल्ली. सरकार ने फरवरी में गूगल को प्ले स्टोर तो वहीं एपल को ऐप स्टोर से कुछ बेटिंग ऐप्स को हटाने के लिए कहा था लेकिन बता दें कि अब इस मामले में एक नया मोड़ या फिर कह लीजिए ट्विस्ट आ गया है. आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि एपल ने ऐप स्टोर से बेटिंग ऐप्स को हटाने के लिए सरकार से सॉलिज रीजन या फिर कह लीजिए ठोस सबूत की मांग की है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, एपल ने मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रिकनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी द्वारा फरवरी में दिए आदेश को मानने से इनकार नहीं किया है लेकिन कंपनी ने ये बात जरूर साफ कर दी है कि कंपनी को इन ऐप्स को ऐप स्टोर से हटाने के लिए कोई सॉलिड रीजन चाहिए.
एपल ने बेटिंग ऐप्स के लिए कही ये बात
रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि एपल का कहना है कि ये बेटिंग ऐप्स अन्य देशों में लीगल पॉलिसी के तहत आते हैं जो वैलिड हैं, ऐसे में हमारे लिए इन ऐप्स को इंडिया में तब तक बैन करना सही नहीं होगा जब तक हमें कोई ठोस सबूत नहीं मिल जाता है.
मार्च में एपल और आईटी अधिकारियों की मीटिंग
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय यानी MeitY द्वारा 138 गेमिंग और सट्टेबाजी एप्लिकेशन की लिस्ट जारी करने के तुरंत बाद Apple में काम करने वाले अधिकारियों और आईटी अधिकारियों ने मार्च में मुलाकात की थी. इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, आईफोन निर्माता कंपनी एपल ऐप्स का पुनरीक्षण करेगी ताकि ऐप स्टोर से केवल ऐसे ऐप्स को ही हटाया जाए जो गलत तरीके से काम कर रहे हैं. बता दें कि एपल ने कुछ ऐसे ऐप्स को हटा दिया है जिन्हें IT मंत्रालय ने फरवरी में बैन किया था, जबकि कंपनी अन्य ऐप्स के लिए बेस्ट सॉल्यूशन ढूंढने पर काम कर रही है. अप्रैल में केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेमर्स को खतरनाक कंटेंट और लत से बचाने के लिए आईटी नियमों में संशोधन के माध्यम से गेमिंग के लिए नए नियमों को जारी किया था. केवल यही नहीं, पैसे के साथ दांव लगाने या सट्टेबाजी करने वाले गेम्स पर भी रोक लगा दी थी.
साभार : टीवी9 भारतवर्ष
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