जम्मू. मणिपुर में तैनात असम राइफल्स की दो बटालियन को जम्मू-कश्मीर में तैनात किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक राज्य में बढ़ती टेरर एक्टिविटी के चलते 1500 जवानों को भेजा जा रहा है। मणिपुर में इन जवानों की जगह CRPF की तैनाती की जाएगी। इससे पहले जम्मू कश्मीर की सुरक्षा बढ़ाने के लिए दो हजार जवानों वाली बीएसएफ की दो बटालियन को ओडिशा से वापस जम्मू-कश्मीर बुलाया गया था। इन जवानों को ओडिशा में नक्सली विरोधी अभियान में तैनात किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी घटनाओं के बीच एक सुरक्षा बैठक की थी। इस बैठक में गृहमंत्री अमित शाह और NSA अजीत डोभाल भी मौजूद थे।
असम राइफल्स भारत-म्यांमार बॉर्डर की सुरक्षा करती है
असम राइफल्स का प्रशासनिक नियंत्रण गृह मंत्रालय और संचालन नियंत्रण सेना के पास है। यह 1,600 किलोमीटर लंबी भारत-म्यांमार सीमा की रक्षा करता है, जिसमें से लगभग 400 किलोमीटर मणिपुर में है, जहां यह आतंकवाद विरोधी बल के रूप में भी कार्य करता है। मणिपुर में BSF की कुछ बटालियन तैनात हैं, लेकिन उन्हें विशेष रूप से भारत-म्यांमार सीमा पर तैनात नहीं किया गया है।
जल्द ही जम्मू-कश्मीर का दौरा करेगा चुनाव आयोग
सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर 2024 से पहले जम्मू कश्मीर में चुनाव करवाने के आदेश दिए थे। इसके मद्देनजर जल्द चुनाव आयोग 8-10 तक जम्मू-कश्मीर का दौरा कर सकता है। राज्य की बढ़ती सुरक्षा का एक कारण चुनावी सुगबुगाहट भी मानी जा रही है। इससे पहले चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से अपने गृह जिलों में और तीन साल से एक ही जगह तैनात अधिकारियों का ट्रांसफर करने के निर्देश दिए हैं। चुनाव आयोग ने इसी तरह के निर्देश हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड के मुख्य सचिव को भी दिए है जहां इस वर्ष के अंत में चुनाव होने हैं।
इसी साल जून में चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र, झारखंड, हरियाणा समेत जम्मू कश्मीर में वोटर लिस्ट अपडेट करने के आदेश जारी किए थे। इस काम को पूरा करने के लिए 20 अगस्त तक की डेडलाइन दी गई थी। दिसंबर 2023 में जम्मू-कश्मीर के स्पेशल स्टेटस से जुड़ी धारा 370 से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए, केन्द्र शासित प्रदेश में 30 सितंबर तक चुनाव कराने के निर्देश दिए थे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा भी जल्द वापस दिया जाए।
साभार : दैनिक भास्कर
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